Supreme Court: सोमवार 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में एक बड़ी घटना घटी जब एक वकील ने चीफ जस्टिस बीआर गवई के सामने हंगामा खड़ा कर दिया. उसने चीफ जस्टिस के सामने जूता उतारने की भी कोशिश की जिसके बाद सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत कार्रवाई की. जैसे ही उसे बाहर निकालने की कोशिश की गई तो उसने बाहर जाते वक्त 'सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान' का नारा लगाया.  आज हम जानेंगे कि सनातन का मतलब क्या है. लेकिन उससे पहले जानते हैं कि क्या था पूरा मामला.

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क्या था पूरा मामला 

दरअसल चीफ जस्टिस ने हाल ही में खजुराहो में भगवान विष्णु की सात फीट ऊंची मूर्ति को दोबारा स्थापित करने से जुड़े मामले में सुनवाई की थी. उन्होंने सुनवाई के दौरान एक टिप्पणी भी की थी जिसका काफी ज्यादा विरोध हुआ था. उन्होंने उस मामले से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया था और साथ ही कहा था 'जाओ और भगवान से ही कुछ करने के लिए कहो. तुम कहते हो कि तुम भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो तो अब जाओ और प्रार्थना करो.'

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क्या है सनातन का मतलब

सनातन शब्द का मतलब होता है 'शाश्वत' या आसान शब्दों में कहें तो 'वह जो हमेशा से अस्तित्व में रहा है'. इसका इस्तेमाल हिंदू धर्म के संदर्भ में किया जाता है. हिंदू धर्म को ही सनातन धर्म के नाम से भी पहचाना जाता है. सनातन उस चीज को दर्शाता है जिसका ना तो कोई आरंभ है और ना ही कोई अंत. इसे अक्सर भगवान या फिर शाश्वत सत्य से जोड़ा जाता है. सनातन को हमेशा एक अखंड आध्यात्मिक मार्ग माना जाता है जो इस सृष्टि के आरंभ से ही अस्तित्व में है. 

सनातन धर्म की उत्पत्ति 

सनातन धर्म की उत्पत्ति का श्रेय किसी एक इंसान को नहीं दिया जाता बल्कि ऐसा कहा जाता है कि इसकी उत्पत्ति वेदों में कहे गए दिव्य ज्ञान से हुई है. यह एक स्वतंत्र धर्म है जिसने भारत में कई और आध्यात्मिक धर्म की नींव रखी है. भगवत गीता के मुताबिक ईश्वर और जीवात्मा दोनों ही सनातन है. इसका मतलब हुआ कि यह दोनों शाश्वत और अमर हैं और सनातन भी इन्हीं शाश्वत शक्तियों के मार्ग पर चलने का एक तरीका बताता है. सनातन दो शब्दों से मिलकर बना है. पहला 'सनम्', जिसका मतलब है अनादि काल से. दूसरा 'तनम्', जिसका मतलब है निरंतर या शाश्वत.

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