जिस नाम से कभी उन्नाव की राजनीति कांपती थी, वही नाम अब अदालतों की फाइलों में दर्ज है. सात साल से ज्यादा समय तक जेल की सलाखों के पीछे रहने वाला एक पूर्व विधायक, जिसकी पहचान बाहुबली नेता के तौर पर थी, अब जमानत की खबर के साथ फिर सुर्खियों में है, जिसका नाम है कुलदीप सिंह सेंगर. सवाल सिर्फ कुलदीप सिंह की रिहाई का नहीं है, बल्कि सवाल यह भी है कि सत्ता, सियासत और अपराध के इस लंबे सफर में आखिर उनके पास कितनी दौलत जुड़ी और कितना सब कुछ छिन गया. आइए जान लेते हैं.

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अदालत से राहत, लेकिन पूरी आजादी नहीं

उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित उन्नाव रेप कांड में दोषी करार दिए गए पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने उनकी उम्रकैद की सजा पर रोक लगाते हुए जमानत मंजूर कर दी है. हालांकि यह जमानत सशर्त है और इसका मतलब यह नहीं है कि सेंगर तुरंत जेल से बाहर आ जाएंगे. अन्य मामलों में सजा और कानूनी प्रक्रियाएं अभी भी उनके रास्ते में हैं, जिस वजह से उनकी रिहाई फिलहाल संभव नहीं है.

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सात साल की जेल और टूटी सियासी पकड़

कुलदीप सिंह सेंगर बीते सात वर्षों से अधिक समय से जेल में बंद हैं. एक समय यूपी की राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाले सेंगर ठाकुर समुदाय के प्रभावशाली नेता माने जाते थे. चार बार विधायक रह चुके सेंगर का राजनीतिक सफर ग्राम प्रधानी से शुरू होकर विधानसभा तक पहुंचा, लेकिन उन्नाव रेप कांड ने उनकी सियासी और सामाजिक हैसियत को पूरी तरह बदल दिया. जिस नेता को कभी सत्ता का केंद्र माना जाता था, वही अब राजनीतिक रूप से हाशिये पर है.

कितनी है कुलदीप सिंह सेंगर की संपत्ति

कुलदीप सिंह सेंगर की संपत्ति को लेकर सबसे भरोसेमंद जानकारी उनके चुनावी हलफनामों से मिलती है. 2007 विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 36 लाख 23 हजार रुपये घोषित की थी. 2012 के चुनाव तक यह संपत्ति बढ़कर 1 करोड़ 27 लाख 26 हजार रुपये हो गई. 2017 विधानसभा चुनाव में सेंगर ने अपने हलफनामे में कुल संपत्ति करीब 2 करोड़ 90 लाख रुपये दिखाई. MyNeta.info और OurNeta.com के अनुसार यह आंकड़ा 2.90 करोड़ रुपये के आसपास रहा, जिसमें चल और अचल दोनों तरह की संपत्तियां शामिल थीं. इस दौरान उन्होंने किसी तरह की देनदारी या कर्ज नहीं दिखाया.

जेल, केस और घटती संपत्ति

2020 में ट्रायल कोर्ट के दौरान कुलदीप सिंह सेंगर ने दावा किया था कि जेल में रहने और मामलों की वजह से उनकी संपत्ति घट गई है. हालांकि 2017 के बाद उनकी संपत्ति को लेकर कोई नई आधिकारिक जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है. यह भी सामने आया है कि लखनऊ के पॉश इलाकों में उनकी आवासीय संपत्ति रही है. 2015-16 में उन्होंने करीब 3 लाख 60 हजार रुपये से ज्यादा का इनकम टैक्स रिटर्न भरा था, जो उनकी घोषित आय को दर्शाता है.

चार बार विधायक, कई दल, एक पहचान

कुलदीप सिंह सेंगर को यूपी की राजनीति में ‘टर्नकोट’ नेता के तौर पर भी जाना जाता रहा है.2002 में उन्होंने उन्नाव सदर सीट से BSP के टिकट पर जीत दर्ज की.2007 में बांगरमऊ से SP के टिकट पर विधायक बने.2012 में भगवंत नगर से SP के टिकट पर जीत हासिल की.2017 में बांगरमऊ सीट से BJP के टिकट पर विधायक बने.उन्नाव केस सामने आने के बाद 2019 में बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया.

उन्नाव रेप कांड और सजा का इतिहास

सेंगर पर 2017 में नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप लगा था. लंबी सुनवाई के बाद 2019 में ट्रायल कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा और 25 लाख रुपये के जुर्माने का आदेश दिया. इसके अलावा पीड़िता के पिता की कस्टडी डेथ के मामले में भी सेंगर को 10 साल की सजा सुनाई गई. 2019 में हुए सड़क हादसे को लेकर उन पर साजिश के आरोप लगे थे, हालांकि इस केस में बाद में उन्हें बरी कर दिया गया. इन मामलों ने उनकी छवि को बाहुबली नेता से अपराधी के रूप में बदल दिया.

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