Krishna Janmashtami 2025: 16 अगस्त यानि कि कल (शनिवार) जन्माष्टमी का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा. यह एक ऐसा त्योहार है जिसे दुनियाभर में हिंदू धर्म के लोग मनाते हैं. विदेश में रहने वाले लोग भी भारतीय परंपरा को जीवित रखने के लिहाज से जन्माष्टमी का त्योहार बड़े जोश के साथ मनाते हैं. भारत की तरह पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी जन्माष्टमी को खूब हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दौरान यहां के हिंदू मंदिरों में पूजा-पाठ के साथ भगवान की आरती होती है. चलिए इसी क्रम में जानते हैं कि आखिर पाकिस्तान में कृष्ण भगवान का सबसे बड़ा मंदिर कौन सा है.
पाकिस्तान का सबसे बड़ा कृष्ण मंदिर
पाकिस्तान में भगवान श्रीकृष्ण का सबसे बड़ा मंदिर कृष्ण मंदिर रावलपिंडी है. पाक में यह मंदिर 1897 में बनाया गया था और रावलपिंडी का यह सबसे बड़ा हिंदू स्थल है. इस मंदिर को कांची मल और उजागर मल राम पांचाल द्वारा बनवाया गया था. 1947 में कुछ वक्त के लिए इसे विभाजन के वक्त बंद किया गया था, लेकिन बाद में फिर इस मंदिर को खोल दिया गया था.
पहले तो यहां पर रहने वाले हिंदू इस मंदिर की देखरेख करते रहते थे, लेकिन बाद में 1970 में इसे ईटीपीबी के नियंत्रण में दे दिया गया था. 1980 के दशक तक तो पाकिस्तान के इस्लामाबाद में रहने वाले भारतीय राजदूत भी इस मंदिर में पूजा करने के लिए आते थे.
पाक में और भी हैं श्रीकृष्ण के मंदिर
इस मंदिर के अलावा भी पाकिस्तान में कई सारे कृष्ण मंदिर हैं. जन्माष्टमी पर जिनकी छटा निराली होती है. लाहौर की बात करें तो अभी भी वहां पर 20-22 मंदिर हैं, लेकिन पूजा सिर्फ दो ही मंदिरों में की जाती है, इनमें से एक कृष्ण मंदिर है और दूसरा वाल्मीकि मंदिर है. कृष्ण मंदिर केसरपुरा में मौजूद है, यहां जन्माष्टमी पर विधिवत पूजा की जाती है. एबटाबाद में भी श्रीकृष्ण का मशहूर मंदिर है, लेकिन फिलहाल यह खस्ताहाल में है. इस मंदिर में पूजा-पाठ नहीं होता है, लेकिन हिंदू श्रद्धालु मंदिर में पूजा करने के लिए आते हैं.
कराची में श्रीकृष्ण मंदिर
कराची के स्वामीनारायण मंदिर में हिंदू धर्म को मानने वालों के साथ-साथ इस्लाम को मानने वाले भी आते हैं. इसमें हरे कृष्ण महाराज और राधा कृष्णदेव की मूर्तियां हैं. इसके अलावा क्वेटा में इस्कॉन मंदिर बना है. साल 2007 में पाकिस्तान सरकार से जमीन खरीदकर भगवान श्रीकृष्ण के लिए मंदिर बनवाया गया था. यह मंदिर भी बहुत मशहूर है.
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