कराची से लाहौर तक, जानिए सरहद के उस पार पाकिस्तान में कैसे मनाते हैं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी?
पड़ोसी मुल्क पाकिस्ताान में रहने वाले हिंदू ही वहां पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाते हैं. अपने देश की तरह पड़ोसी मुल्क में लोग रात में भगवान कृष्ण के मंदिर में जाते हैं और उनकी पूजा करते हैं.
पाकिस्तान में अक्सर हिंदू मंदिरों पर हमले और मंदिरों की संख्या कम हो रही है. पाकिस्तान में भी कई सारे श्रीकृष्ण मंदिर हैं, जहां जन्माष्टमी सेलिब्रेट करते हैं.
पाक के अमरकोट में हर साल जन्माष्टमी सेलिब्रेशन की तस्वीरें सामने आती हैं. यहां पर करीब 52 फीसदी से ज्यादा आबादी हिंदुओं की है. यहां पर भी भारत की तरह से हिंदू मंदिरों को सजाया जाता है.
भारत की तरह से पाकिस्तान में भी लोग अपने छोटे बच्चों को श्रीकृष्ण की ड्रेस पहनाते हैं और विधि-विधान से पूजा करते हैं. पाकिस्तान में इस्कॉन मंदिर भी हैं, जैसे कि कराची, लरकाना, हैदराबाद और सिंध में भी जन्माष्टमी मनाई जाती है.
इस्लामाबाद में श्रीकृष्ण के मंदिर निर्माण को लेकर विवाद भी रहा है, लेकिन हिंदू समुदाय को मंदिर के लिए चारदीवारी और श्मशान बनाने की अनुमति दी गई है.
यहां पर भी जन्माष्टमी के दिन भक्त व्रत रहते हैं और श्रीकृष्ण की मूर्तियों को सजाते हैं, व रात के वक्त में खास पूजा और आरती करते हैं. यहां पर भी भगवान को 56 भोग का प्रसाद चढ़ाने की परंपरा है.
रावलपिंडी के कृष्ण मंदिर से लेकर कराची के स्वामीनारायण मंदिर और लाहौर व क्वेटा के इस्कॉन मंदिर में भी जन्माष्टमी धूमधाम से मनाते हैं.