दुनियाभर में मांस खाने वालों की कमी नहीं है. अलग-अलग देशों में लोगों के खाने के तौर-तरीके भी अलग हैं. कुछ लोगों को खान-पान में शाकाहारी पसंद है तो कुछ को मांसाहारी, कुछ लोग ऐसे हैं जो सर्वाहारी हैं मतलब जिन्हें दोनों पसंद होता है. लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा चीन के फूड पैटर्न की होती है. चीन के लोग बिच्छू, सांप, समुद्री जानवर इसके अलावा यहां लोग सुअर और डॉग भी खा जाते हैं. लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि चीन में सबसे ज्यादा मांस किस चीज का खाया जाता है. यहां के लोग कुत्ते का मांस खाना ज्यादा पसंद करते हैं या सुअर का?. आइये जानते हैं. चीन में सबसे ज्यादा खाया जाने वाला मांस?

आपको बता दें कि चीन में सबसे ज्यादा खाया जाने वाला मांस सुअर का यानि पोर्क है. चीन के लोग सुअर का मांस खाना ज्यादा पसंद करते हैं. चीन ही नहीं दुनिया में सबसे ज्यादा पोर्क यानी सुअर का मांस खाया जाता है. एक रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में 36 फीसदी लोग पोर्क का सेवन करते हैं. वहीं चीन में पोर्क को कई त्योहारों, उत्सवों में भी परोसा जाता है. बता दें कि चीन में 55 फीसदी लोग सुअर का मीट खाना पसंद करते हैं. इसके बाद 27 फीसदी लोग चिकन खाते हैं.  कुत्ते के मांस की मांग? बता दें कि चीन में डॉग का मीट भी खूब बिकता है. यहां डॉग का मीट भी लोग बड़े चाव से खाते हैं. यहां राह चलते दुकानों पर आपको कुत्ते का मीट पकते या बिकते दिख जाएगा. मात्रा के लिहाज से सुअर का मांस कुत्ते के मांस से कहीं ज्यादा खाया जाता है. पोर्क की खपत लाखों टन में है, जबकि कुत्ते का मांस कुछ मिलियन तक सीमित है.  क्यों है पोर्क की दीवानगी? चीन में सुअर का मांस आसानी से मिल जाता है. पोर्क यानी सुअर का मांस कम कीमत में बाजारों में उपलब्ध है. कीमत कम होने के चलते खपत ज्यादा है. इसके अलावा ये नरम स्वादिष्ट होता है. जिसके चलते इसे कई तरह से पकाया जा सकता है. कहीं ना कहीं चीन में पोर्क की दीवानगी का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है.  भारत में मांस खाने वालों की स्थिति

दुनियाभर में ज्यादातर लोग मांसाहारी हैं और सुअर का मांस सबसे लोकप्रिय है. खासकर चीन और पश्चिमी देशों में. डॉग का मांस बहुत कम खाया जाता है और यह घट रहा है. भारत में मांस की खपत बढ़ रही है, लेकिन धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं इसे प्रभावित करती हैं. भारत में लोग शाकाहारी खाना ज्यादा पसंद करते हैं यहां करीब 38 प्रतिशत लोग शाकाहारी हैं जबकि करीब 18 प्रतिशत लोग मांसाहारी हैं. इसे भी पढ़ें- किन-किन देशों की सेनाओं में भर्ती होते हैं गोरखा, कहां सबसे ज्यादा है इनकी तादाद?