Black Hole Incident: 16वीं सदी में अग्रेंजों का भारत आगमन हुआ था. जिसके बाद अंग्रेजों ने भारत पर तकरीबन 200 साल राज्य किया था.अंग्रेजों की भारत में असल हुकूमत शुरू हुई थी 1757 में प्लासी युद्ध के बाद जिसमें बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला को हार का सामना करना पड़ा था. 


बंगाल और अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच हुए उस युद्ध में नवाब सिराजुद्दौला को धोखे और छल से हराया. लेकिन इस युद्ध के पीछे थी एक साल पहले हुई काल कोठरी की घटना. जिसका कनेक्शन है अंतरिक्ष से. चलिए जानते हैं क्या थी यह घटना. 


1756 में हुई ब्लैक होल की घटना


17वीं सदी में अंग्रेजों ने अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए कोलकाता में फोर्ट विलियम नाम का किला बनाया था. जिसमें उन्होंने चाक चौबंद व्यवस्था कर रखी थी. जब इस बात की खबर बंगाल के तत्कालीन नवाब सिराजुद्दौला को मिली. तो उन्होंने अपनी मजबूत सेना लेकर फोर्ट विलियम पर हमला कर दिया. अंग्रेज सिराजुद्दौला के सामने टिक नहीं पाए. और समर्पण कर दिया.


इसके बाद घटती है ब्लैक होल की घटना.  सिराजुद्दौला की सेना ने  फोर्ट फिलियम में हनले के बाद 146 अंग्रेजों को बंदी बनाया था. इनमें से मुख्य था होलवेल नाम का अफसर. जिसने बाद में चलकर दुनिया को उस ब्लैक होल की घटना के बारे में बताया. होलवेल के अनुसार  सन् 1756 में 20 जून की रात बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला ने 146 अंग्रेज कैदियों को बंदी बना लिया था. जिन्हें 18 फीट लंबे और 14 फीट 10 इंच चौड़े कमरे में बंद कर दिया था.


और तीन दिन बाद यानी 23 जून 1756 को जब वह कमरा खोला गया था. तब उसमें से मात्र 23 कैदी ही जीवित बच पाए थे. उनमें एक होलवेल भी था. इस घटना को ब्लैक होल का नाम दिया गया था. इसी घटना को आधार बनाकर अंग्रेजों ने अगले ही साल बंगाल के नवाब से युद्ध किया और उन्हें हरा दिया. जिसके बाद से अंग्रेजी हुकूमत भारत में मजबूत हो गई और 200 साल तक राज किया. 


अंतरिक्ष में भी है ब्लैक होल


अंतरिक्ष में एक जगह है जिसका नाम है ब्लैक होल. ब्लैक होल के बारे में कहा जाता है कि उसका ग्रेविटेशनल फोर्स इतना है कि कोई भी चीज उसके आसपास जाते ही उसमें समा जाती है. ब्लैक होल कैसे बनते हैं इस बारे में ठीक-ठीक जानकारी अब तक किसी को नहीं मिल पाई है. 


यह भी पढ़ें: क्या होता है Right to Disconnect, कैसे करता है काम और भारत में इसके लिए क्या तैयारी?