वर्ल्ड कप के सीजन में सबसे ज्यादा चर्चा अभी क्रिकेट की हो रही है. भारत में क्रिकेट को लेकर काफी क्रेज है और हर कोई क्रिकेट के नियमों से लेकर खिलाड़ियों के प्रदर्शन तक जानना चाहता है. आप भी क्रिकेट के बारे में बहुत कुछ जानते होंगे, लेकिन क्या आप जानते है कि क्रिकेट अंपायर कैसे बनते हैं और एक मैच में अंपायरिंग करने की वो कितनी फीस लेते हैं. अगर नहीं, तो आज हम आपको बता रहे हैं कि क्रिकेट का अंपायर बनने की क्या प्रक्रिया है और एक बार अंपायर बनने पर उन्हें किस तरह से पैसे मिलते हैं. तो जानते हैं अंपायर से करियर से जुड़ी हर एक बात...


कौन बन सकता है अंपायर?
वैसे अंपायर बनने के लिए ऐसा जरूरी नहीं है कि किसी का क्रिकेट बैकग्राउंड हो. अगर किसी ने पहले क्रिकेट खेला है तो उसे इसके थोड़ा सपोर्ट मिल सकता है. लेकिन, अंपायर बनने के लिए एक तय प्रक्रिया से गुजरना होता है और इंटरनेशनल मैच में अंपायरिंग करने के लिए कुछ टेस्ट भी पास करने होते हैं. पहले तो आपको बता दें कि पायर बनने के लिए सबसे ज्यादा आपकी आईसाइट, फिटनेस, क्रिकेट के नियम आदि पर ध्यान दिया जाता है. फिर आपको स्टेट अंपायर बनना होता है और इसके बाद बीसीसीआई में अंपायर के लिए रजिस्टर करवाना पड़ता है. बता दें कि बीसीसीआई में कई ग्रेड के अंपायर होते हैं, जिसमें ग्रेड ए से लेकर डी तक शामिल हैं. बीसीसीआई के पास ग्रेड ए में करीब 20 अंपायर होते हैं. 


कैसे बनते हैं अंपायर?
अंपायर बनने के लिए सबसे पहला चरण ये है कि आपको स्टेट एसोसिएशन में इसके लिए रजिस्टर करना होता है. इसके लिए पहले लोकल मैचों में आपको अंपायरिंग करनी होती है. इसके बाद स्टेट एसोसिएशन केंडिडेट का नाम आगे बढ़ाता है और उसके बाद बीसीसीआई के अंपायर बनाए जाते हैं. पहले आपको स्टेट एसोसिएशन में अपने अनुभव और टैलेंट से खास जगह बनानी होती है और उसके बाद आपका नाम आगे बढ़ाया जाता है. यह नाम बीसीसीआई की अंपायरिंग के लिए नहीं बल्कि बीसीसीआई की ओर से आयोजित की जाने वाली परीक्षा के लिए भेजा जाता है, जो लेवल वन की परीक्षा होती है.


बता दें कि बीसीसीआई हर साल इस परीक्षा का आयोजन होता है. इसके लिए बीसीसीआई की ओर से से कोचिंग क्लास का भी आयोजन होता है और पहले तो तीन दिन कोचिंग होती है और चौथे दिन लिखित परीक्षा होती है. इसमें प्रतिभागियों का चयन मेरिट के आधार पर किया जाता है. चयनित कैंडिडेट को इंडक्शन कोर्स करवाया जाता है और उसके बाद अंपायरिग के बारे में पढ़ाया जाता है. इसके बाद प्रेक्टिकल और ओरल एग्जाम भी होता है और वो लेवल-2 के लिए एलिजेबल हो जाता है. फिर इस चरण के बाद मेडिकल टेस्ट होता है और इसके बाद बीसीसीआई के अंपायर बनते हैं. बता दें कि इसके लिए प्रिपरेशन कंटेंट भी बाजार में उपलब्ध है, जहां से खरीदकर आप तैयारी कर सकते हैं. 


कितनी होती है अंपायर की फीस?
बता दें कि अंपायरों की सैलरी उनके लेवल और वरिष्ठता के आधार पर तय की जाती है. साथ ही उनके पैनल के आधार पर भी फीस तय होती है. कुछ महीने पहले ही बीसीसीआई की ओर से अलग अलग ग्रेड के अंपायरों की जानकारी दी गई है, जिसमें ए ग्रुप में 20, बी ग्रुप में 60, सी ग्रुप में 46 और ग्रुप डी में 11 अंपायर हैं. इसमें ए ग्रुप के अंपायर को करीब 40 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से सैलरी दी जाती है. वहीं, ग्रेड बी के अंपायर्स को 30 हजार रुपये फीस दी जाती है. ये फीस को लेकर आधिकारिक जानकारी नहीं है, जबकि कई रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया जा रहा है. 


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