आमतौर पर किसी व्यक्ति के शरीर में A, B, O या इन्हीं में निगेटव पॉजिटिव ब्लड ग्रुप होते हैं लेकिन बेंगलुरु के कोलार जिले में डॉक्टर्स उस वक्त हैरान रह गए जब एक 38 वर्षीय महिला के शरीर से ग्रुप का ब्लड मिला. दरअसल महिला हार्ट सर्जरी के लिए डॉक्टर के पास गई थी. सर्जरी से पहले डॉक्टर ने उसका ब्लड टेस्ट किया तो उसका ब्लड O Rh+ निकला. जो तक खोजे गए किसी भी ब्लड ग्रुप से एकदम अलग था. डॉक्टरों ने इसे CRIB ब्लड ग्रुप नाम दिया. तो आइए जानते हैं, क्या है यह CRIB ब्लड ग्रुप और क्यों है यह इतना खास.
क्या है नाम का मतलब
CRIB का पूरा नाम है Chromosome Region Identified as Blood Group है. यह ब्लड ग्रुप INRA (Indian Rare Antigen) सिस्टम का हिस्सा है, जिसे 2022 में इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन (ISBT) ने मान्यता दी थी. CRIB में ‘CR’ का मतलब है क्रोमर, जो 47 ब्लड ग्रुप सिस्टम में से एक है. ‘I’ यानी इंडिया और ‘B’ यानी बेंगलुरु. यह ब्लड ग्रुप इतना दुर्लभ है कि सभी डॉक्टर्स हैरान हैं.
रेयर है ये ब्लड ग्रुप CRIB ब्लड ग्रुप में अधिकांश लोगों में व्यापक रूप से पाया जाने वाला मुख्य एंटीजन अनुपस्थित होता है. CRIB ब्लड ग्रुप वाले व्यक्तियों में इस नॉर्मल एंटीजन की कमी होती है जिससे ऐसे व्यक्तियों को खून चढ़ाना काफी मुश्किल का काम होता है क्योंकि ऐसे केस में दूसरे CRIB निगेटिव रक्त की जरूरत होगी जो बहुत रेयर है.
10 महीने लगे टेस्ट में बता दें कि महिला के परिवार के 20 सदस्यों का ब्लड टेस्ट हुआ लेकिन किसी से मैच नहीं हो पाया. 10 महीने की गहन जेनेटिक और सेरोलॉजिकल जांच के बाद यूके के इंटरनेशनल ब्लड ग्रुप रेफरेंस लैबोरेटरी ने क्रोमर यानि CR ब्लड ग्रुप सिस्टम में एक नए एंटीजन की पहचान की, जिसे CRIB नाम दिया गया. CR का मतलब क्रोमर, I का मतलब इंडिया और B बेंगलुरू. बता दें कि ये दुर्लभ ब्लड ग्रुप है जिसे वैज्ञानिकों ने पहली बार पहचान किया है.
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