Anil Ambani Loan Fraud Case: रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी से बीते मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली स्थित अपने हेडक्वॉर्टर में पूछताछ की. यह मामला करोड़ों रुपये के बैंक लोन डायवर्जन फ्रॉड से जुड़ा हुआ है. इस दौरान उनसे करीब 10 घंटे से तक पूछताछ की गई. अब उन्हें अगले हफ्ते पूछताछ के लिए बुलाया गया है.

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अनिल अंबानी ने मांगा वक्त

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ईडी ने अनिल अंबानी से शेल कंपनियों को दिए गए लोन के बारे में पूछताछ की. उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने किसी पॉलिटिकल पार्टी को पैसे दिए थे या किसी अधिकारी को रिश्वत दी थी. इस दौरान अनिल अंबानी ने कथित तौर पर फर्जी लेनदेन और लोन फ्रॉड को लेकर किसी भी सवाल के जवाब नहीं दिए. जबकि ईडी का मानना है कि सरकारी और निजी बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देकर लोन हासिल किए गए थे. अनिल अंबानी ने इन सारे डिटेल्स को वेरिफाई करने के लिए समय मांगा है. 

पूछताछ की हुई वीडियोग्राफी 

मंगलवार सुबह 11 बजे जब अनिल अंबानी ईडी ऑफिस पूछताछ के लिए पहुंचे. सवाल-जवाब के दौरान कोई भी वकील मौजूद नहीं था. इस पूछताछ की वीडियोग्राफी भी की गई है क्योंकि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट  (PMLA) के तहत दर्ज बयान अदालत में सबूत के तौर पर पेश किए जाते हैं. सूत्रों के मुताबिक, ईडी अधिकारियों ने अनिल अंबानी से "क्या लोन फर्जी कंपनियों में डायवर्ट किए गए थे?", "क्या पैसा राजनीतिक दलों को दिया गया था?" और "क्या आपने किसी अधिकारी को रिश्वत दी थी?" जैसे सवाल पूछे गए. 

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अनिल अंबानी को जारी हुआ लुकआउट नोटिस

मंगलवार को ईडी ऑफिस में पूछताछ के लिए बुलाने से पहले जांच एजेंसी ने यस बैंक से जुड़े कथित 3,000 करोड़ रुपये के लोन फ्रॉड के सिलसिले में उनके खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किया था. जांच के दौरान किसी भी व्यक्ति को देश छोड़ने से रोकने के लिए LOC जारी किया जाता है. एलओसी सभी हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर प्रसारित किए जाते हैं, जिससे आव्रजन अधिकारियों को सतर्क किया जाता है कि यदि कोई व्यक्ति भारत से भागने का प्रयास करता है, तो उसे हिरासत में लिया जाए. 

 

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