आज के समय में लोगों की सबसे बड़ी परेशानी असली और नकली की पहचान करना बन गया है. दवा से लेकर किताब तक नकली आ रही हैं. वहीं आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पढ़ाई की डिग्रीयां भी नकली बनाई जा सकती हैं. ऐसे में हर किसी के मन में अब ये सवाल उठ रहा होगा कि आखिर असली और नकली किताबों की पहचान करना हो तो वो कैसे की जा सकती है. तो चलिए जान लेते हैं.


कैसे हो सकती है असली और नकली की पहचान?
यदि असली और नकली दवा की पहचान करना हो तो उसे पर बने यूनिक कोड को चेक जरूर करें. लगभग हर दवा के रैपर पर यूनिक कोड प्रिंट होता है. जिसमें मैन्युफैक्चरिंग डेट से लेकर दवाई की लोकेशन और सप्लाई चैन की जानकारी होती है. 


वहीं यदि असली और नकली डिग्री की पहचान करना हो तो आपको उसकी डिजाइन से लेकर उसकी छपाई तक पर गौर करके उसकी असली और नकली की पहचान की जा सकती है, लेकिन किताबों की पहचान इनकी पहचान से थोड़ी अलग है. 


कैसे होती है असली और नकली किताबों की पहचान
यदि आपको किसी किताब की पहचान करना हो तो सबसे पहले आपको उसका आईएसबीएन चेक करना होगा. किताब का शीर्षक, संस्करण आदि सहित किताब की सभी जानकारी मेल खाती है, लेकिन स्वरूप मूल से बहुत अलग है और पुस्तक को अंतर्राष्ट्रीय या प्रशिक्षक के संस्करण के रूप में चिह्नित नहीं किया गया है, तो ये हो सकता है कि वो किताब नकली हो.


आप अपनी किताब का आईएसबीएन तुरंत चेक करने के लिए आईएसबीएनडीबी का उपयोग कर सकते हैं. कभी-कभी किताब को कोई संस्करण स्पष्ट रूप से नकली होता है जो आसानी से समझ आ जाता है. जिसमें उस किताब में कुछ मैच नहींं कर रहा होता है और वो असली किताब से कुछ अलग नजर आती है.            


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