अगर आप भी भारत से श्रीलंका जाना चाहते हैं तो आपके लिए दोनों देशों की करेंसी का मूल्य जानना बेहद जरूरी है. श्रीलंका भारत का एक पड़ोसी देश है. बड़ी संख्या में भारतीय टूरिस्ट श्रीलंका में घूमने, वहां के सुंदर प्राकृतिक दृश्य और बड़े व साफ बीचों को देखने और छुट्टियां मनाने के लिए जाते हैं. यही नहीं, दोनों देशों के संबंध 2500 साल से भी ज्यादा पुराने हैं. दोनों ही देशों में बौद्ध और हिंदू धर्म से जुड़ी परंपराएं शामिल हैं, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी दर्शाती हैं. लेकिन आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि अगर हम श्रीलंका में घूमने या किसी अन्य काम से जाएं तो श्रीलंका की करेंसी भारत की तुलना में कितनी मजबूत या कमजोर है और करेंसी एक्सचेंज रेट क्या होगा.
श्रीलंका के 50,000 LKR भारत में कितने होंगे?
अगर हम बात करें कि श्रीलंका और भारत में से किस देश की करेंसी मजबूत है, तो श्रीलंका की करेंसी (LKR) भारत के रुपये (INR) की तुलना में काफी कमजोर है. मान लीजिए कि अगर कोई श्रीलंकाई भारत में अपने 50,000 LKR लेकर आता है तो मौजूदा करेंसी एक्सचेंज रेट के अनुसार यह रकम भारतीय मुद्रा में लगभग 14,500 से 14,600 रुपये के बराबर होगी. यह साफ दर्शाता है कि श्रीलंका की मुद्रा भारतीय मुद्रा के मुकाबले कमजोर है. इसका सबसे बड़ा कारण श्रीलंका की बदहाल अर्थव्यवस्था है. बीते कुछ सालों में श्रीलंका को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा, जिसका सीधा असर उसकी अर्थव्यवस्था और करेंसी की कीमत पर पड़ा.
1 LKR भारत में कितने रुपये का होता है?
श्रीलंका का 1 LKR भारत के रुपये (INR) की तुलना में लगभग 0.43 भारतीय रुपये के बराबर होता है. इसे आसान भाषा में समझें तो अगर आप श्रीलंका के 100 LKR को भारतीय रुपये में बदलते हैं, तो एक्सचेंज रेट के अनुसार यह करीब 28.93 से 29.33 भारतीय रुपये (INR) के बराबर होगा.
2022 में श्रीलंका का आर्थिक संकट
साल 2022 में श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को काफी गंभीर संकट का सामना करना पड़ा, जिसमें श्रीलंकाई रुपया (LKR) बहुत तेजी से कमजोर हुआ. हालात ऐसे बने कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले श्रीलंकाई रुपये की कीमत लगभग 79 प्रतिशत तक गिर गई, जो श्रीलंका के इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट थी. इसका असर देश के लगभग हर सेक्टर पर पड़ा और घरेलू स्तर पर जरूरी वस्तुएं महंगी हो गईं. श्रीलंकन अर्थव्यस्था की गिरावट की एक बड़ी वजह देश पर चढ़ा हुआ भारी विदेशी कर्ज भी है. श्रीलंका ने डेवलपमेंट और अन्य जरूरतों के लिए भारत, चीन और जापान जैसे देशों से बड़े पैमाने पर कर्ज लिया था, लेकिन समय पर भुगतान न कर पाने के कारण स्थिति और बिगड़ गई.
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