जब बिजली कड़कती है तो मौसम थोड़ा डरावना हो जाता है और इस वक्त कई काम करने के लिए मना किया जाता है. अक्सर जब बिजली कड़कती है तो ये फोन ना चलाने के लिए भी कहा जाता है. कई लोग कहते हैं कि जब मौसम खराब हो और बिजली कड़क रही हो तो बारिश का फोन नहीं चलाना चाहिए. माना जाता है कि अगर ऐसा करेंगे तो दिक्कत हो सकती है और बिजली गिरने के चांस बढ़ जाते हैं. ऐसे में कहा जाता है कि जब भी बिजली कड़के तो फोन पर बात नहीं करनी चाहिए और इंटरनेट का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए.


ऐसे में कई सवाल है कि आखिर फोन से ऐसा क्या हो जाता है कि बिजली गिरने के चांस बढ़ जाते हैं. साथ ही सवाल ये भी है कि कई लोग इसे गलत मानते हैं और इस फैक्ट को बेबुनियाद मानते हैं तो क्या इसमें कितनी सच्चाई है. तो जानते हैं कि आखिर क्या ऐसा सही में होता है और इसके पीछे का साइंस क्या है?


क्यों किया जाता है मना?


अक्सर लोगों का मानना होता है कि मोबाइल फोन से बिजली आकर्षित होती है और जब बिजली कड़कती है तो उस बिजली को फोन अपनी और आकर्षित करता है. इस वजह से घर पर बिजली गिर सकती है. इसके पीछे ये तर्क दिया जाता है कि सिग्नल तरंगों के जरिए मोबाइल फोन तक पहुंचता हैं और ये तरंगे टावर के जरिए आप तक पहुंचती है. ऐसे में लोग मानते हैं कि आंधी-तूफान के वक्त इसमें आसमानी बिजली भी आपके फोन तक पहुंच सकती है और फोन फट सकता है या घर पर बिजली गिर सकती है. तो जानते इस बात में कितनी सच्चाई है. 


क्या है हकीकत?


अगर साइंस के हिसाब से देखें तो मोबाइल फोन सिग्नल के लिए रेडियो तरंगों, इलेक्ट्रिक मैग्नैटिक वेव में एक का यूज करते हैं. ऐसे में आपको बता दें कि इन तरंगों से होकर बिजली कभी नहीं गुजरती यानी बिजली इन रेडियो तरंगों से होकर कभी भी आपके फोन तक नहीं पहुंच सकती है. इसलिए ये कहा जा सकता है कि कभी भी मोबाइल फोन तक आसमानी बिजली नहीं पहुंच सकती है और ये सिर्फ भ्रम है कि बिजली कड़कने से फोन नहीं चलाना चाहिए. ऐसे में आप तूफान या बिजली कड़कने के वक्त आसानी से फोन चला सकते हैं. अगर तार वाला टेलीफोन है तो दुर्घटना के कुछ चांस बन सकते हैं. 


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