आसिम मुनीर का अमेरिका प्रेम बढ़ता जा रहा है, वहीं कहीं न कहीं ट्रंप की नोबेल भूख को तुष्ट करने के लिए कई देश कहीं न कहीं अप्रत्यक्ष रूप से मोहरा बन चुके हैं. युद्ध ट्रंप के लिए अवसर हैं और दुनिया के कई देश उनको अगला नोबेल शांति पुरस्कार दिलाने के लिए आपस में लड़-कट रहे हैं. इसी दौरान अमेरिका के दौरे पर गए पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया है. असीम मुनीर ने कहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाने के लिए उनको नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य संघर्ष को रुकवाने में ट्रंप की भूमिका अहम मानी जाती है. 

ट्रंप ने ही सबसे पहले भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर सहमति को लेकर एक्स पर पोस्ट किया था. लेकिन भारत ने हमेशा से डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के दावे को मना किया है. 

ट्रंप साल 2020 में हुए थे नॉमिनेट

इससे पहले भी साल 2020 में डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया था. दरअसल उस दौरान नॉर्वे के एक सांसद ने इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच एतिहासिक शांति समझौते में अहम भूमिका के लिए नामित किया गया था. लेकिन तब ट्रंप को नोबेल नहीं मिल सका था. अगर ट्रंप नोबेल शांति पुरस्कार जीतते हैं तो वो अमेरिका के पांचवें राष्ट्रपति होंगे, जिनको नोबेल मिलेगा. पाकिस्तान और भारत के बीच मध्यस्थता से पहले ट्रंप ने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोकने की कोशिश की थी, जिसमें वो नाकाम रहा था. अब ट्रंप मिडिल ईस्ट में भी शांति बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं. 

नोबेल के लिए क्या हैं नियम

कुछ दिन पहले ट्रंप ने खुद शांति के लिए नोबेल मिलने की बात कही थी. ट्रंप का कहना था कि अगर युद्ध रुकता है तो मुझे शांति पुरस्कार मिल सकता है. नोबेल पुरस्कार को लेकर कुछ नियम हैं. आइए इसके बारे में जानते हैं. नोबेल पुरस्कार हर साल फिजिक्स, केमिस्ट्री, शांति, मेडिसिन और इकोनॉमिक क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है. आमतौर पर यह पुरस्कार संयुक्त रूप से दिया जाता है. किसी संस्था या संगठन के लिए भी नोबेल दिया जा सकता है. हर साल इसका चयन अलग-अलग संस्थाएं करती हैं. कोई भी शख्स इसके लिए खुद से आवेदन नहीं कर सकता है. इस अवॉर्ड को इनविटेशन के जरिए ही नॉमिनेट किया जाता है. एक योग्य नॉमिनेटर इसके लिए नॉमिनेट करते हैं. अब ट्रंप को नोबेल मिलना या न मिलना द नॉर्वेजियन नोबेल कमिटी पर निर्भर करेगा. 

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