इजराइल और ईरान के बीच चले 12 दिनों के संघर्ष के बाद आखिर युद्धविराम लग गया है. इस युद्ध में अमेरिका भी उतर आया था और उसने ईरान पर हमला किया. बदले में ईरान ने बीती रात कतर स्थित अमेरिका के सैन्य बेस पर हमला कर दिया था. भले ही ईरान ने हमले से पहले चेतावनी दी थी, लेकिन ईरान ने अमेरिकी ठिकानों पर जमकर बम बरसाए हैं. ईरान ने इस जवाबी कार्रवाई को ऑपरेशन हेराल्ड ऑफ विक्ट्री नाम दिया है. चलिए आपको बताते हैं कि ईरान ने अमेरिकी ठिकानों पर जो मिसाइलें दागीं, वो कौन सी थीं. 

ईरान ने अमेरिकी एयरबेस पर कितनी मिसाइलें दागीं

इस हमले को लेकर कतर ने कहा था कि ईरान ने अमेरिका के दोहा एयरबेस पर 19 मिसाइलें दागी थीं, जिसमें से 18 को रोक लिया गया. वहीं 1 मिसाइल हिट हुई थी, लेकिन इससे कोई नुकसान नहीं हुआ. वहीं इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में ईरान की तरफ से 10 मिसाइलें दागने की बात कही गई थी, जबकि ट्रंप का कहना था कि 14 मिसाइलें दागी गई थीं, जिसमें से 13 को रोका गया है. खैर चलिए आपको ईरान को मिसाइलों के बारे में बताते हैं. 

ईरान ने कौन सी मिसाइल से किया हमला

ईरान और इजराइल की इस जंग में ईरान ने दुश्मन पर वार करने के लिए बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया है. पिछले हफ्ते से शुरू हुए इस हमले में ईरान ने 400 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागकर पूरी दुनिया को दिखा दिया है कि उसको हल्के में न लें. ईरान ने साबित किया है कि उसकी मिसाइल ताकत किसी से कम नहीं है. ईरान ने अमेरिका पर जिस मिसाइल से हमला किया है, उसका नाम तो पता नहीं चल पाया है, लेकिन हम आपको ईरान की बैलिस्टिक मिसाइल की ताकत बताते हैं. 

ईरान की मिसाइल कितनी खतरनाक

ईरान की सबसे एडवांस बैलिस्टिक मिसाइल खैबर है. इन मिसाइलों में MIRV टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ है. यह ऐसी तकनीक है, जिसमें मिसाइलें अपने साथ कई सारे वॉरहेड ले जाती हैं. इस मिसाइल में लोड वॉरहेड के जरिए अलग-अलग लक्ष्य पर निशाना लगाया जा सकता है. जबकि पारंपरिक मिसाइल सिर्फ एक ही वॉरहेड लेकर जा सकती है. इस मिसाइल के MIRV तकनीक की खासियत है कि इसमें हर वॉरहेड का अपना गाइडेंस सिस्टम होता है, इसलिए इसको रोकना या फिर इंटरसेप्ट करना थोड़ा मुश्किल होता है. 

कितनी है मिसाइलों की रेंज

खैबर मिसाइल की रेंज 2000 किलोमीटर तक होती है. ये 1500 किलो तक वॉरहेड ढोने की क्षमता रखती है. ईरान का ऐसा दावा है कि यह हाइपरसोनिक मिसाइल है और लॉन्च होने के बाद दिशा भी बदलती है. ईरान की दूसरी हाइपरसोनिक मिसाइल है फतह-1 और घातक मिसाइल है सेजिल. ये मिसाइलें न सिर्फ दुश्मनों को चकमा देती है, बल्कि रफ्तार और दिशा भी बदल सकती है.

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