नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीटर एल्बर्स को उड़ानों में लगातार हो रही देरी, कैंसिलेशन और संचालन संबंधी गलतियों पर कड़ा रुख अपनाते हुए कारण बताओ नोटिस थमा दिया है. निर्देश दिया गया है कि कंपनी 24 घंटे के भीतर पूरा स्पष्टीकरण पेश करे, अन्यथा नियमों के तहत सख्त कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी. सरकार की ओर से भेजे गए नोटिस में साफ कहा गया है कि इंडिगो यह बताए कि इन उल्लंघनों पर एयरक्राफ्ट रूल्स और नागर विमानन आवश्यकताओं के तहत दंडात्मक कदम क्यों न उठाए जाएं. नोटिस में यह चेतावनी भी शामिल है कि तय समय पर जवाब न मिलने की स्थिति में मामला एकतरफा तरीके से निपटा दिया जाएगा. आइए जानें कि पाकिस्तान में एयरलाइन कंपनियों की निगरानी कौन करता है.
पाकिस्तान में कौन करता है एयरलाइनों की निगरानी
भारत में DGCA जिस तरह एयरलाइनों पर नियमों, मानकों और सुरक्षा प्रोटोकॉल की बारीकी से निगरानी रखता है, ठीक उसी तरह पाकिस्तान में यह जिम्मेदारी पाकिस्तान सिविल एविएशन अथॉरिटी यानी PCAA निभाती है. यह संस्था देश के सभी हवाई अड्डों, एयरलाइनों, पायलटों, ट्रेनिंग सेंटरों और एयर ऑपरेशनों पर सीधा नियंत्रण रखती है. PCAA की स्थापना ही इस मकसद से की गई थी कि पाकिस्तान के आकाश में उड़ने वाला हर विमान अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से ही परिचालन करे, ताकि यात्रियों और क्रू की सुरक्षा सर्वोच्च स्तर पर बनी रहे.
कौन करता है जांच
दिलचस्प बात यह है कि PCAA न सिर्फ घरेलू उड़ानों बल्कि पाकिस्तान से अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर जाने वाली एयरलाइनों के लाइसेंस, फिटनेस और पायलट रिकॉर्ड की जांच भी खुद करती है. कुछ साल पहले पायलट लाइसेंस विवाद के दौरान पाकिस्तान की एविएशन व्यवस्था खासा दबाव में आ गई थी, जिसके बाद PCAA ने कई स्तरों पर सुधार की दिशा में नए कड़े नियम लागू किए गए. इन बदलावों के बाद पाकिस्तान की एविएशन निगरानी प्रणाली एक बार फिर वैश्विक संस्थाओं के मानकों को पूरा करने की कोशिश में जुटी है.
हवाई सुरक्षा की जिम्मेदारियां एक जैसी
भारत और पाकिस्तान के बीच एविएशन मॉनिटरिंग एजेंसियों की भूमिका भले ही अपने-अपने कानूनों के मुताबिक अलग हो, लेकिन दोनों देशों में हवाई सुरक्षा को लेकर जिम्मेदारियां लगभग एक जैसी हैं. DGCA की तरह ही PCAA भी यह देखती है कि एयरलाइन कंपनियां विमान रखरखाव से लेकर पायलट रोस्टर तक हर काम सही तरीके से कर रही हैं या नहीं. किसी भी तरह की खामी सामने आने पर कार्रवाई की पहली जिम्मेदारी भी इसी अथॉरिटी की होती है.
अहम है PCAA की भूमिका
वर्तमान परिस्थितियों में, जब दक्षिण एशिया का हवाई क्षेत्र पहले से अधिक व्यस्त और चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है, ऐसे में PCAA की भूमिका और भी अहम हो गई है. पाकिस्तान की घरेलू एयरलाइनों के बढ़ते परिचालन, बाहरी कंपनियों की उड़ानों में बढ़ी सक्रियता और सुरक्षा मानकों को लेकर समय-समय पर उठते सवालों ने इस संस्था को लगातार सतर्क रहने पर मजबूर कर दिया है. विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले समय में पाकिस्तान की एविएशन प्रणाली और पारदर्शिता पर अंतरराष्ट्रीय नजरें बनी रहेंगी, और PCAA को इन अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए कई स्तरों पर और कठोर कदम उठाने पड़ सकते हैं.
क्षेत्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय मानकों की दोहरी चुनौती
दक्षिण एशिया की भू-राजनीति हमेशा से ही परिवर्तनों के बीच काम करती रही है. ऐसे माहौल में PCAA का काम सिर्फ ‘नियम लागू करना’ तक सीमित नहीं रह जाता, बल्कि उसे यह भी देखना पड़ता है कि पाकिस्तान की उड़ानों पर कोई अंतरराष्ट्रीय पाबंदी या चेतावनी न लगे. यूरोपीय और अमेरिकी एविएशन एजेंसियों की गाइडलाइंस को पूरा करना इसी कारण सबसे बड़ी चुनौती बन जाता है. PCAA इस समय तकनीकी अपग्रेडेशन, पायलट ट्रेनिंग की मजबूत निगरानी और एयरलाइन कंपनियों के सर्विस स्टैंडर्ड पर फोकस कर रही है, ताकि पाकिस्तान की उड़ानें वैश्विक भरोसे के दायरे में बनी रहें.
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