खेल के क्षेत्र में भारत के लिए एक शर्मसार करने वाली खबर आई है. भारत डोपिंग यानी एथलीटों या खिलाड़ियों द्वारा खेल में अपने प्रदर्शन, शारीरिक शक्ति और ऊर्जा को बढ़ाने के लिए प्रतिबंधित दवाइयों का इस्तेमाल करने के मामलों में दुनिया में पहले नंबर पर है. विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में करीब 260 भारतीय खिलाड़ी डोपिंग टेस्ट के दौरान पकड़े गए. ये सभी खिलाड़ी प्रतिबंधित दवाओं का सेवन करते हुए डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए. यही नहीं, भारत लगातार तीसरे साल डोपिंग के सबसे ज्यादा मामलों वाला देश बन गया है, जो देश के खेल तंत्र के लिए बड़ी चुनौती है. भारत के अलावा भी कई ऐसे देश हैं, जहां डोपिंग के मामले काफी अधिक हैं. आइए जानते हैं ऐसे 5 देशों के बारे में.
डोपिंग मामलों में भारत दुनिया में पहले नंबर पर
दुनिया भर के देशों में भारत के खिलाड़ी खेलों के दौरान सबसे ज्यादा संख्या में प्रतिबंधित दवाइयों का सेवन करते पाए गए हैं. इसी वजह से भारत का डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव रेश्यो 3.6 प्रतिशत है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है. भारत की राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी NADA ने कुल 7,113 खिलाड़ियों के यूरिन सैंपल लिए, जिनमें से 260 खिलाड़ी पॉजिटिव पाए गए. भारत में डोपिंग के मामलों से सबसे ज्यादा प्रभावित खेल एथलेटिक्स, भारोत्तोलन और कुश्ती रहे हैं. इनमें एथलेटिक्स में 76 मामले, भारोत्तोलन में 43 मामले और कुश्ती में 29 मामले सामने आए हैं.
डोपिंग उल्लंघन में दूसरे स्थान पर फ्रांस
डोपिंग में पॉजिटिव पाए गए खिलाड़ियों की संख्या के मामले में फ्रांस दूसरे पायदान पर रहा है. वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांस में डोपिंग उल्लंघन करने वाले खिलाड़ियों की संख्या 91 रही. हालांकि यह संख्या भारत की तुलना में काफी कम है. फ्रांस की राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने 11,744 खिलाड़ियों के नमूनों की जांच की थी, जिसमें 0.8 प्रतिशत मामले पॉजिटिव पाए गए.
तीसरे स्थान पर इटली
इटली डोपिंग उल्लंघन के मामलों में दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा खिलाड़ियों वाला देश है, जहां 85 खिलाड़ी डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए. इटली की राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संस्था ने कुल 10,480 नमूनों का परीक्षण किया, जिनका पॉजिटिव रेट 0.8 रहा. वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) की 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक इटली, भारत और फ्रांस के बाद तीसरा देश है, जहां सबसे ज्यादा डोपिंग उल्लंघन के मामले दर्ज किए गए.
चौथे स्थान पर रूस और अमेरिका
रूस और अमेरिका दोनों ही देश डोपिंग उल्लंघन के मामलों में चौथे स्थान पर हैं. इन दोनों देशों में डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए खिलाड़ियों की संख्या 76 रही है. रूस ने कुल 10,230 नमूनों का परीक्षण किया, जिसमें 76 खिलाड़ी पॉजिटिव पाए गए. वहीं अमेरिका ने 11,465 खिलाड़ियों के नमूनों की जांच की, जिसमें भी 76 खिलाड़ी डोपिंग टेस्ट में फेल हुए.
पांचवें नंबर पर जर्मनी
जर्मनी की राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने करीब 12,000 खिलाड़ियों का डोपिंग टेस्ट किया, जिसमें से 54 खिलाड़ी डोपिंग टेस्ट में फेल हो गए. वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी पांचवां ऐसा देश है, जहां सबसे ज्यादा खिलाड़ी डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए.
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