India Per Capita Income: भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. लेकिन इनकम डिस्ट्रीब्यूशन पर करीब से देखने पर एक चौंकाने वाला अंतर सामने आता है. इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड के डेटा के मुताबिक कुल जीडीपी के मामले में भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. लेकिन जब इनकम को प्रति व्यक्ति के हिसाब से मापा जाता है तो भारत काफी पीछे रह जाता है, न सिर्फ विकसित देशों से बल्कि नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों से भी जहां से भारत में चीते लाए गए थे.

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चौंकाने वाले आंकड़े 

भारत में लाई गई चीते नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से थे. इन दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं भारत की तुलना में काफी छोटी हैं. लेकिन इसके बावजूद भी उनकी प्रति व्यक्ति आय काफी ज्यादा है. 2025 के अनुमान के मुताबिक नामीबिया की प्रति व्यक्ति आय लगभग $4,820 है और दक्षिण अफ्रीका की $6,300. वहीं अगर भारत की बात करें तो इस देश की प्रति व्यक्ति आय लगभग $2,820 है. इसका मतलब है कि एक औसत नामीबियाई भारत के बहुत बड़े आर्थिक उत्पादन के बावजूद भी एक औसत भारतीय से लगभग 1.7 गुना ज्यादा कमाता है.

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क्यों है भारत की औसत आय कम 

वैसे तो भारत की अर्थव्यवस्था ने 2025 में 4 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा पर कर लिया है, लेकिन इसके बावजूद भी प्रति व्यक्ति आय काफी कम है. ऐसा जनसंख्या के आकार की वजह से है. भारत की जनसंख्या 1.4 बिलियन है और भारत की कुल आय नामीबिया जैसे देशों की तुलना में कहीं ज्यादा लोगों में बंट जाती है, जिसकी आबादी सिर्फ 3 मिलियन के आसपास है. 

प्रति व्यक्ति आय में भारत की वैश्विक रैंकिंग 

जब नॉमिनल जीडीपी प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से वैश्विक स्तर पर रैंक किया जाता है तो भारत काफी नीचे आ जाता है. 2025 के अनुमानों के आधार पर भारत 190 से ज्यादा देशों में 136वें और 142वें स्थान के बीच कहीं है. वहीं अगर परचेसिंग पावर परिटी की बात करें तो इस मामले में भारत देश की रैंक लगभग 119वें से 125वें स्थान पर पहुंच जाती है.

पड़ोसी देशों से तुलना 

अपने पड़ोसियों की तुलना में भारत की स्थिति भी मिली जुली दिखती है. भूटान की प्रति व्यक्ति आय लगभग $4,302 है. वहीं अगर बांग्लादेश की बात करें तो यहां की प्रति व्यक्ति आय लगभग 2700 डॉलर है. हालांकि नॉमिनल प्रति व्यक्ति आय के आंकड़े भारत को गरीब लेकिन असल कहानी कुछ और है. दरअसल भारत में रोजमर्रा की जिंदगी का खर्च दक्षिण अफ्रीका या फिर नामीबिया की तुलना में काफी कम है. यही वजह है कि भले ही भारतीय डॉलर के हिसाब से कम कमाते हैं लेकिन देश के अंदर उनकी खरीदने की शक्ति ज्यादा है.

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