Mexico Tariff India: मेक्सिको के नए ट्रेड कदम के बाद ग्लोबल मार्केट में हलचल मच चुकी है. मेक्सिको ने भारत समेत 5 बड़ी एशियाई इकॉनामी से इंपोर्ट पर 50% तक के भारी टैरिफ की घोषणा की है. यह टैरिफ उन देशों पर लागू होगा जिनके साथ मेक्सिको का कोई फ्री ट्रेड एग्रीमेंट नहीं है. आइए जानते हैं भारत के साथ-साथ किन देशों पर लगा है यह टैरिफ और सबसे ज्यादा किसको होगा नुकसान. 

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मेक्सिको के टैरिफ बढ़ाने का लेवल और असर वाले देश 

मेक्सिको के फैसले से जिन देशों पर असर पड़ा है उनमें चीन, भारत, साउथ कोरिया, थाईलैंड और इंडोनेशिया शामिल है. आपको बता दें कि इन सभी देशों का मैक्सिकन मार्केट में काफी ज्यादा एक्सपोर्ट वॉल्यूम है. टैरिफ लिस्ट में लगभग 1400 अलग-अलग आइटम शामिल हैं. इनमें ऑटोमोबाइल, ऑटो कॉम्पोनेंट, स्टील, प्लास्टिक, टेक्सटाइल, फुटवियर, इलेक्ट्रॉनिक्स और इंडस्ट्रियल मशीनरी जैसे सेक्टर शामिल हैं. 

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इनमें से कई प्रोडक्ट अब काफी ज्यादा महंगे हो जाएंगे और ज्यादातर सामानों पर 35% तक ड्यूटी लगेगी. इसी के साथ कुछ चुनिंदा लिस्ट, ज्यादातर गाड़ियां और उनके पार्ट्स पर ज्यादा से ज्यादा 50% टैरिफ लगेगा.

किसका होगा सबसे ज्यादा नुकसान 

वैसे तो सभी पांच देश पर इसका असर पड़ेगा लेकिन चीन को सबसे ज्यादा नुकसान होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि चीन प्रभावित देशों में सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है और कुछ सबसे ज्यादा टारगेट किए गए सामानों की सप्लाई करता है. मैक्सिकन सरकार ने उन सेक्टर को खासतौर से टारगेट किया है जहां पर चीनी कंपनियों ने तेजी से विस्तार किया. चीनी गाड़ियों और उनसे जुड़े पार्ट्स पर अब 50% टैरिफ लगेगा. इस कदम को चीनी ब्रांड के असर को कम करने के लिए उठाया गया है, क्योंकि मेक्सिको के ऑटो मार्केट के लगभग 20% हिस्से पर इन्होंने कब्जा कर लिया था.  इसके अलावा चीनी टेक्सटाइल, स्टील, प्लास्टिक और इलेक्ट्रॉनिक पर भी असर पड़ेगा.

भारत पर असर

हालांकि भारत चीन की तरह मुख्य टारगेट नहीं है लेकिन भारत पर भी काफी असर पड़ेगा. भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर पर सबसे ज्यादा असर पड़ने वाला है, क्योंकि मेक्सिको पैसेंजर कार एक्सपोर्ट के लिए भारत का तीसरा सबसे बड़ा मार्केट है. नए टैरिफ से भारत के लगभग 75% एक्सपोर्ट पर असर पड़ेगा. मेक्सिको का अचानक प्रोटक्शनिस्ट बदलाव उन देशों के पैटर्न को दिखाता है जो अपने घरेलू इंडस्ट्रीज को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. दरअसल सरकार का ऐसा कहना है कि लोकल मैन्युफैक्चरर्स को बड़ी डिस्काउंट वाले इंपोर्ट्स, खासकर ईस्ट एशिया से होने वाले इंपोर्ट्स से बचना चाहिए.

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