India Old Notes Rules: हाल ही में दिल्ली के वजीरपुर इलाके से करोड़ों रुपए के बंद हो चुके ₹500 और ₹1000 के नोट रेड के दौरान बरामद हुए. नोटबंदी के सालों बाद भी काफी लोग अलमारी, लॉकर या फिर पुरानी फाइलों में ₹500 और ₹1000 के नोट मिलने को लेकर चिंतित रहते हैं. लेकिन कानून असल में क्या कहता है. आइए जानते हैं कि क्या एक भी पुराना नोट रखने पर सजा मिल सकती है या फिर नहीं.

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पुराने नोट रखने के बारे में क्या है कानून 

पुराने ₹500 और ₹1000 के नोट से जुड़े हुए नियम स्पेसिफाइड बैंक नोट्स अधिनियम 2017 द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं. यह नोटबंदी के बाद लागू हुआ था. इस कानून के तहत थोड़ी संख्या में नोटबंदी वाले नोट रखना अपराध नहीं है. यह अधिनियम व्यक्तियों को बिना किसी सजा के एक सीमित संख्या में नोट रखने की अनुमति देता है. 

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कितने रख सकते हैं पुराने नोट 

आप कानूनी तौर पर कुल मिलाकर 10 नोटबंदी वाले नोट रख सकते हैं. फिर चाहे वे ₹500 के हों या फिर ₹1000 के. जब तक आप इस सीमा के अंदर रहते हैं तब तक उन्हें घोषित करने, सरेंडर करने या फिर किसी भी अथॉरिटी को रिपोर्ट करने की कोई जरूरत नहीं है. 

कलेक्टरों और शोधकर्ताओं के लिए एक अलग प्रावधान 

दरअसल कुछ लोग शैक्षणिक या फिर शौक से जुड़े उद्देश्यों के लिए पुरानी करेंसी को रखते हैं. यदि कोई व्यक्ति मुद्रा शास्त्री, शोधकर्ता या फिर करेंसी कलेक्टर है तो उसे कानूनी तौर पर 25 पुराने नोट रखने की अनुमति है. इन्हें सख्ती से अध्ययन, प्रदर्शनी या फिर संग्रह के लिए रखा जा सकता है. लेकिन इनका लेनदेन या मौद्रिक उपयोग नहीं किया जा सकता. 

अगर सीमा पार हो जाए तो क्या होगा 

अगर किसी के पास अनुमति से ज्यादा पुराने नोट पाए जाते हैं तो अपराध वित्तीय प्रकृति का होगा आपराधिक नहीं. सजा में सिर्फ मौद्रिक जुर्माना शामिल है जेल का प्रावधान नहीं है. कम से कम जुर्माना ₹10000 का लगेगा लेकिन यह जब्त किए गए अतिरिक्त नोटों के अंकित मूल्य का 5 गुना तक हो सकता है.

कोई जेल की सजा नहीं 

सबसे जरूरी बात यह है कि 2017 के कानून के तहत ज्यादा डिमॉनेटाइज्ड नोट रखने पर कोई जेल नहीं होगी. कई फाइनेंशियल अपराधों के उलट इस कानून में सिर्फ जुर्माना लगाया जाता है. जेल तभी होते हैं जब दूसरे गंभीर अपराध भी शामिल हो.

ये नोट कहीं भी इस्तेमाल क्यों नहीं किए जा सकते 

वैसे तो सीमित मात्रा में नोट रखना कानूनी है लेकिन पुराने ₹500 और ₹1000 ओके नोट अब लीगल टेंडर में नहीं आते. इसका सीधा सा मतलब हुआ कि इनका इस्तेमाल सामान खरीदने, बिल भरने, कर्ज चुकाने या फिर किसी भी तरह का लेनदेन करने के लिए नहीं किया जा सकता.

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