Most Expensive Number Plate: भारत में कारें सिर्फ सफर का साधन नहीं, बल्कि लोगों की शान और शोहरत का हिस्सा बन चुकी हैं. हर महीने नए मॉडल बाजार में आते हैं और इनके साथ बढ़ती है एक और दिलचस्प चाह, खास नंबर प्लेट पाने की. इसी जुनून ने हरियाणा की ऑनलाइन नीलामी में अलग ही जोश पैदा कर दिया, जहां ‘HR88B8888’ नंबर ने सबको पीछे छोड़ते हुए रिकॉर्ड तोड़ बोली हासिल की. बीते दिन हुई इस नीलामी में यह नंबर प्लेट 1.17 करोड़ रुपये में बिककर देश की सबसे महंगी प्लेट बन गई. अब सवाल यह है कि इतनी महंगी नंबर प्लेट खरीदने वाले को आखिर कितने टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा.
क्या वाकई लग्जरी है फैंसी नंबर?
फिलहाल कई राज्यों में फैंसी नंबर पर अलग-अलग दरों पर टैक्स लिया जाता है, कहीं 18% GST तो कहीं केवल रजिस्ट्रेशन फीस. लेकिन अब सरकार इसे लग्जरी आइटम के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है. प्रस्ताव यह है कि फैंसी नंबर प्लेट पर 28% GST लगाया जाए. इसका मतलब साफ है जो नंबर प्लेट करोड़ों में बिक रही है, उस पर टैक्स का बोझ भी भारी होगा.
अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो 1.17 करोड़ रुपये की बोली पर सीधा 28% GST लगेगा. यानी खरीदार को लगभग 32.76 लाख रुपये सिर्फ टैक्स के रूप में चुकाने होंगे. यह टैक्स नीलामी की पूरी राशि पर लगेगा, क्योंकि सरकार इसे एक प्रीमियम लग्जरी पेमेंट मान रही है.
अभी की स्थिति क्या है?
कई राज्यों में पहले से ही 18% GST लिया जा रहा है, लेकिन स्पष्ट रूप से यह निर्धारित नहीं है कि सभी स्टेट्स में एक समान टैक्स हो. इसी वजह से वित्त मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांगा गया है ताकि फैंसी नंबर प्लेट्स को आधिकारिक तौर पर 28% के स्लैब में लाया जा सके.
बिना अनुमति फैंसी नंबर प्लेट? भारी जुर्माना तय
सरकार ने यह भी साफ कर रखा है कि फैंसी नंबर प्लेट बिना अनुमति लगाना पूरी तरह अवैध है. ऐसा करने पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत भारी जुर्माना लग सकता है. यानी चाहे आपका नंबर कितना भी यूनिक हो, लेकिन अगर वह सरकारी नीलामी से नहीं खरीदा गया, तो यह सीधा नियमों का उल्लंघन माना जाएगा.
आने वाले दिनों में बड़ा बदलाव संभव
अगर 28% GST वाला प्रस्ताव लागू होता है, तो फैंसी नंबर खरीदना आम लोगों के लिए और भी मुश्किल हो जाएगा. करोड़ों की बोली के बाद लाखों का टैक्स देना, फैंसी नंबरों को और अधिक एक्सक्लूसिव बना देगा. विशेषज्ञों का मानना है कि यह टैक्स सरकार की लग्जरी आइटम पर नियंत्रण नीति का हिस्सा है.
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