राजनीति एक ऐसा विषय है, जिसके बारे में लोग अक्सर यह कहते मिल जाएंगे कि उन्हें राजनीति पसंद नहीं. हालांकि, यह बात भी सच है कि किसी भी मुल्क का कोई भी इंसान राजनीति के बिना अधूरा है. अब राजनीति की बात हो रही है तो संसद का जिक्र होना जरूरी है.
संसद एक ऐसी जगह है जो पूरे देश की सियासत को एकसाथ लाती है. इसी जगह पर सभी नेता बैठकर अलग-अलग विषयों पर चर्चा करते हैं और देश के लिए कानून बनाते हैं. जिस तरह भारत की पार्लियामेंट को संसद कहा जाता है, वैसे ही अमेरिका में कांग्रेस है. अब सवाल यह है कि क्या आपको भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन की संसद के नाम पता हैं? यहां संसद कैसे काम करती है चलिए जानते हैं...
दो तरह की होती है संसदीय व्यवस्था
किसी भी देश की संसद का काम अपने लोगों के लिए कानून बनाना और सरकार के कामों की निगरानी करना भी है. संसद में सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसद होते हैं, जो सरकारी योजनाओं पर समय-समय पर मंत्रियों से सवाल पूछते हैं और नीतियों की समीक्षा भी करते हैं. बता दें, संसदीय व्यवस्था दो तरह की होती है. जैसे भारत में द्विसदनीय व्यवस्था है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा शामिल हैं. इसी तरह एकसदनीय व्यवस्था होती है. चीन में एकसदनीय व्यवस्था है.
भारत, अमेरिका और यूके में है एक जैसी संसदीय व्यवस्था
भारत में द्विसदनीय व्यवस्था है. यहां निचले सदन को लोकसभा और उच्च सदन को राज्यसभा कहा जाता है. इसी तरह की व्यवस्था अमेरिका में है. अमेरिकी संसद को कांग्रेस कहते हैं, जिसमें दो सदन होते हैं- हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव और सीनेट. यूनाइटेड किंगडम में भी दो सदनीय व्यवस्था है- हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ लॉर्ड्स.
चीन और पाकिस्तान की संसद का नाम
भारत में संसद की तरह चीन और पाकिस्तान में भी ऐसी व्यवस्था है. चीन में एक सदनीय व्यवस्था है और यहां की संसद को नेशनल पीपुल्स कांग्रेस कहा जाता है. इसी तरह पाकिस्तान में संसद को मजलिस-ए-शूरा कहा जाता है. यहां भारत की तरह द्विसदनीय व्यवस्था है. पाकिस्तान में निचले सदन को नेशनल असेंबली और उच्च सदन को सीनेट कहा जाता है.
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