पूरी दुनिया में भारत सबसे सस्ता और सबसे ज्यादा मात्रा में चावल निर्यात करने वाले देशों में सबसे आगे है. ग्लोबल राइस एक्सपोर्ट 2024-25 की रिपोर्ट के अनुसार भारत ने 11.83 अरब डॉलर का चावल निर्यात किया है, जो वैश्विक चावल निर्यात का लगभग 30.3 प्रतिशत है. यह एक बड़ा नंबर है. चावल एक ऐसी खाद्य सामग्री है जो विश्व भर में खाई जाती है और हर घर और किचन का महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसी वजह से यह सबसे ज्यादा व्यापार होने वाली वस्तुओं में से एक है. वैश्विक चावल निर्यात के आंकड़ों के अनुसार चावल निर्यात का कुल मूल्य 39.10 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें भारत की मुख्य भूमिका है. लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि भारत दुनिया में सबसे बड़ा चावल निर्यातक है, जबकि चीन दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक यानी प्रोड्यूसर है.

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भारत की हिस्सेदारी और निर्यात का आंकड़ा

भारत वैश्विक चावल एक्सपोर्ट में अकेले लगभग 30.3 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है. 2024-25 में भारत ने लगभग 22,000 मीट्रिक टन चावल का निर्यात किया. भारत में बासमती और गैर-बासमती दोनों प्रकार की चावल की किस्में पाई जाती हैं, जिनकी मांग दुनिया भर में काफी ज्यादा है.

दूसरे और तीसरे सबसे बड़े निर्यातक देश

भारत के बाद थाईलैंड का नंबर आता है, जो 6.37 अरब डॉलर का चावल निर्यात करता है और यह दुनिया भर के कुल चावल निर्यात का करीब 16.3% है. तीसरा स्थान वियतनाम का है, जो 5.70 अरब डॉलर का चावल निर्यात करता है और इसकी वैश्विक हिस्सेदारी लगभग 14.2% है.

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भारत की प्रमुख चावल निर्यातक कंपनियां

भारत की तीन कंपनियां टॉप 10 चावल निर्यातक कंपनियों में शामिल हैं, जिनमें KRBL लिमिटेड, सप्लेटेक इंडस्ट्रीज और DD इंटरनेशनल जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं. ये कंपनियां अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपियन यूनियन, दक्षिण अफ्रीका और अरब देशों में चावल निर्यात करती हैं.

दुनिया में चावल की मांग क्यों बनी रहती है

चावल दुनिया भर में अरबों लोगों का मुख्य भोजन है, इसलिए वैश्विक बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है. इस मांग को पूरा करने में भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

भारत में उगाई जाने वाली प्रमुख किस्में

भारत में चावल की कई किस्में उगाई और निर्यात की जाती हैं, जिनमें बासमती जैसी उच्च गुणवत्ता वाली किस्मों के साथ सोनी मसूरी, कोलम, सरना, जीरकसला और शब्बो जैसी किस्में शामिल हैं.बासमती जैसी सुगंध वाली प्राकृतिक किस्में बहुत कम देशों में उगती हैं. इसकी असली खुशबू और मौलिकता भारत-हिमालय क्षेत्र के मौसम और मिट्टी से आती है, इसी कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत और मांग दोनों ज्यादा होती हैं.

चीन सबसे बड़ा उत्पादक, लेकिन छोटा निर्यातक क्यों?

भारत भले ही चावल निर्यात में सबसे आगे हो, लेकिन चावल का सबसे बड़ा उत्पादक और प्रोसेसर देश चीन है. हालांकि निर्यातक देशों में इसकी हिस्सेदारी सिर्फ 2% है, क्योंकि चीन दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है. चीन की आबादी दुनिया में दूसरे नंबर पर है और चावल वहां की मुख्य खाद्य सामग्री है. जितना चावल चीन उगाता है, उसका बड़ा हिस्सा देश के भीतर ही खपत हो जाता है. सरकार यह सुनिश्चित करती है कि देश में कभी चावल की कमी न हो, इसलिए वे अनाज बाहर बेचने में सावधानी बरतते हैं. निर्यात कम रखना उनकी रणनीति का हिस्सा है.

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