Independence Day 2025: इस बार भारत अपनी आजादी की 79वीं वर्षगांठ मनाएगा. इस दौरान लाल किले पर झंडारोहरण होगा और लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करेंगे. 1947 में जब भारत को आजादी मिली थी, उसके बाद कई सारे एतिहासिक काम हुए थे. उसमें से एक था आजाद भारत का पहला डाक टिकट जारी होना.
भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली और उसके कुछ ही महीनों बाद डाक विभाग ने एक ऐसा कदम उठाया, जिसने इस ऐतिहासिक उपलब्धि को हमेशा के लिए यादगार बना दिया. वो था डाक टिकट जारी करना. चलिए जानें कि डाक टिकट कैसा था और आखिर उसकी कितनी कीमत थी.
कब जारी हुआ था आजाद भारत का पहला डाक टिकट
आजाद भारत का पहला डाक टिकट 21 नवंबर 1947 को जारी किया गया था. यह टिकट हमारे राष्ट्रीय गौरव और स्वतंत्रता की पहचान बना था. इसमें भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की तस्वीर छपी थी, जो देश की एकता और स्वतंत्रता का प्रतीक है. उस वक्त इस टिकट की कीमत तीन आना रखी गई थी (पुराने समय में एक रुपये में 16 आना होते थे).
कैसा था डाक टिकट
इस टिकट को लॉन्च करने का मकसद सिर्फ डाक सेवाओं के लिए इस्तेमाल करना नहीं था, बल्कि आजादी की याद को हर घर और हर पत्र के जरिए पूरे देश में फैलाना भी था. उस समय चिट्ठी भेजना लोगों के लिए एक बड़ा माध्यम था और यह टिकट लोगों के हाथों में भारत के नए अध्याय की झलक बनकर पहुंचता था. इसमें भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को बादलों के बीच उड़ता हुआ दिखाया गया है, जो उभरती आजादी का प्रतीक है.
कलेक्शन के लिए खजाना
इसके बीच में जय हिंद अंकित था. पहले डाक टिकट के बाद भारत ने अलग-अलग मौकों पर कई विशेष टिकट जारी किए, लेकिन 21 नवंबर 1947 का यह टिकट आज भी फिलेटली (डाक टिकट संग्रह) के शौकीनों के लिए अनमोल खजाना माना जाता है.
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