देश के अलग-अलग हिस्सों में आदिवासी समुदाय की बड़ी आबादी रहती है. कुछ राज्य तो ऐसे हैं, जहां आदिवासी सरकार बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं. इन राज्यों में झारखंड और छत्तीसगढ़ का नाम शामिल है. साल 2011 की जनगणना के अनुसार. देशभर में आदिवासी समुदाय की कुल आबादी 10 करोड़ 45 लाख से अधिक है. आइए आपको बताते हैं कि इन 10 करोड़ 45 लाख आबादी में से सबसे ज्यादा आदिवासी देश के किस प्रदेश में हैं?
किस राज्य में सबसे ज्यादा आदिवासी समुदाय की आबादी?
भारत के लगभग 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आदिवासी समुदाय रहते हैं. इनमें सबसे ज्यादा आदिवासी आबादी वाला राज्य मध्य प्रदेश है, यहां की कुल आबादी में 1.53 करोड़ से अधिक आबादी आदिवासी समुदाय के लोगों की है. आदिवासी समुदाय की कुल 14 प्रतिशत के आसपास आबादी अकेले मध्य प्रदेश में रहती है, जो राज्य की कुल आबादी में 21 प्रतिशत के आसपास है. मध्य प्रदेश के प्रमुख आदिवासी समुदायों में भील, गोंड, कोल, कोरकू, बैगा और सहरिया प्रमुख हैं. दूसरे नंबर पर झारखंड का नाम आता है. यहां 86 लाख के आसपास आदिवासी समुदाय की आबादी रहती है, जो राज्य की कुल आबादी में 26.2 प्रतिशत के आसपास है. तीसरे नंबर पर छत्तीसगढ़ है, जहां आदिवासी समुदाय के लोगों की कुल आबादी 78 लाख के आसपास है. यह छत्तीसगढ़ की कुल आबादी में 30.6 फीसदी है.
सबसे कम आदिवासी आबादी वाले राज्य
अगर सबसे कम आदिवासी आबादी वाले राज्यों की बात की जाए तो आंकड़ों के अनुसार, नगालैंड में 17.11 लाख, जम्मू-कश्मीर में 14.93 लाख, बिहार में 13.37 लाख, त्रिपुरा और मणिपुर में 11.67 लाख, उत्तर प्रदेश में 11.34 लाख, मिजोरम में 10.36 लाख, अरुणाचल प्रदेश में 9.52 लाख, तमिलनाडु में 7.95 लाख, केरल में 4.85 लाख, हिमाचल प्रदेश में 3.92 लाख, उत्तराखंड में 2.92 लाख, सिक्किम में 2.06 लाख है.
इसके अलावा दादरा और नगर हवेली में 1.79 लाख, गोवा में 1.49 लाख, लक्षद्वीप में 61 हजार, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 29 हजार, जबकि दमन और दीव में महज 15 हजार आदिवासी रहते हैं. दमन और दीव भारत का ऐसा क्षेत्र है जहां आदिवासी जनसंख्या सबसे कम है.
भारत में कौन-सा आदिवासी समुदाय सबसे ज्यादा?
भारत में अलग-अलग राज्यों में कई तरह की आदिवासी जनजातियां रहती हैं. इनमें से सबसे ज्यादा जनसंख्या गोंड जनजाति की है. इसकी कुल आबादी 1 करोड़ 20 लाख से भी ज्यादा है. यह जनजाति मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा पाई जाती है. गोंड लोग जंगलों, गांवों और पहाड़ी इलाकों में रहते हैं. इनका जीवन आज भी परंपरागत और प्रकृति से जुड़ा हुआ है.
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