पैरों को सुरक्षित रखने के लिए फूटवियर पहना जरूरी होता है. वहीं भारत सरकार ने भी खासकर अपने देश के लिए भा कोड के नंबर के लिए तैयारी लगभग पूरी कर ली है. अभी तक भारत में सिर्फ यूके और यूएस नंबर के फूटवियर मिलते थे. लेकिन अब भारतीय साइज में भी जूते मिलेंगे. जूतों को लेकर एक और बात कही जाती है कि साइज से बड़ा जूता पहनने पर पैर का साइज भी बढ़ता है. जानिए आखिर इस बात के पीछे कितनी सच्चाई है. 


जूते का साइज


एक्सपर्ट के मुताबिक बड़ा जूता पहनने से पैर के साइज बढ़ने का कोई कनेक्शन नहीं होता है. ये बात बिल्कुल गलत है. बता दें कि पैर उम्र के साथ अपने रफ्तार से ही बड़ा होता है और उसका साइज बढ़ता है. इसका जूते के साइज से कोई नाता नहीं है. लेकिन आरामदायक जूता पहनने से पैर सुरक्षित रहते हैं, जिससे व्यक्ति को चलने में कोई तकलीफ नहीं होती है. 


यूके-यूएस कोड


बता दें कि अभी तक भारत में यूके और यूएस नंबर के कोड का इस्तेमाल किया जाता था. जिस कारण कई बार भारतीयों को जूता फिट नहीं आता था. लेकिन अब भारतीयों के लिए भा नंबर कोड से जूता आएगा, जिसके लिए सरकार ने स्पैंल भी ले चुकी है. 


साइज को लेकर हुआ सर्वे


भारतीयों ‎के पैर की आकृति और आकार ‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎समझने के लिए काउंसिल ऑफ ‎साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च‎ और सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट‎ ने पूरे भारत में सर्वे किया है. इसमें यह ‎भी पता चला कि महिलाओं के पैरों ‎का आकार 11 साल की उम्र तक ‎बढ़ता है, जबकि पुरुषों में यह ‎15-16 साल तक बढ़ता रहता है.‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎‎


अभी तक भारत में फूटवियर के लिए अमेरिका और यूरोपीय मानक का इस्तेमाल किया जाता था. लेकिन अब ‎‎जूते-चप्पलों के भारतीय मानक ‎तैयार हो रहे हैं. जानकारी के मुताबिक अगले साल यानी 2025 से कंपनियां‎ अलग से भारतीयों के लिए फुटवियर तैयार करेंगी. इसके‎ लिए ‘भा’ (Bha) कोड रखा गया है.


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