दुनिया में कुछ जगहों पर प्लेन उड़ाना सख्त मना है. वैसे तो देश के खुफिया मिलिट्री बेस या देश की सुरक्षा से जुड़े इलाकों को नो फ्लाइ जोन में रखा जाता है, लेकिन क्या आपको पता है नो फ्लाइ जोन में रखी गईं कुछ जगहें ऐसी हैं जो पब्लिक हैं फिर भी उनके ऊपर से प्लेन उड़ाना सख्त रूप से मना है. तो चलिए आज हम ऐसी ही कुछ जगहों के बारे में जानते हैं.


क्या होता है नो-फ्लाई जोन?
बता दें नो-फ्लाई जोन स्थाई और अस्थाई दोनों तरह से होता है. किसी भी राष्ट्रीय या अन्य जरूरी कार्यक्रमों के लिए सरकार उस स्थान को नो-फ्लाई जोन घोषित कर देती है. कई बार युद्ध क्षेत्रों को भी नो-फ्लाई जोन घोषित किया जाता है. इन्हीं को अस्थायी नो-फ्लाई जोन कहा जाता है. वहीं जिस जगह से कभी भी एयरोप्लेन नहीं गुजर सकते उन्हें स्थाई नो-फ्लाई जोन कहा जाता है.


ये जगहें हैं नो-फ्लाई जोन
तिब्बत
- तिब्बत को दुनिया का सबसे ऊंचा क्षेत्र माना जाता है. यही वजह है कि इस जगह को नो-फ्लाई जोन में रखा गया है. दरअसल ऐसा पहाड़ों की और विमान की सुरक्षा को देखते हुए किया गया है. यदि विमान इस ऊंची सीमा से गुजरता है तो किसी आपात स्थिति में नीचे उतरने में उसे काफी समय लग सकता है. साथ ही पहाड़ों से भी विमान को खतरा हो सकता है. यही वजह है कि इस जगह को नो-फ्लाई जोन में रखा है.


मक्का- इस्लाम धर्म का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल मक्का माना जाता है. ऐसे में किसी भी यात्री विमान को मक्का विशेष रूप से पवित्र काबा के ऊपर से उड़ने की मनाही है. यदि कोई ऐसा करता है तो उसे सजा दी जा सकती है.


ताज महल- भारत में मौजूद प्रसिद्ध धरोहर ताजमहल को यूनेस्को ने 1983 में विश्व विरासत घोषित किया था. ये इमारत भी नो-फ्लाई जोन है. दरअसल रिपोर्ट्स की मानें तो यहां आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए 2006 में इसे नो-फ्लाई जोन घोषित किया गया था.


बकिंघम पैलेस- यूनाइटेड किंगडम का बकिंघम पैलेस भी नो-फ्लाई जोन है. ब्रिटेन की रानी या राजा यहीं निवास करते हैं.


यहां भी विमान उड़ाना है मना
बता दें इनके अलावा बर्सिलोना का गावा स्थित इलाका, दुनिया के सात अजूबों में शामिल माचू पिच्चू, कैलिफोर्निया में स्थित डिज्नी पार्क, लायनल मेसी का घर जैसी जगहें भी नो फ्लाई जोन में शामिल हैं.             


यह भी पढ़ें: पटियाला पैग और पंजाब के महाराजा के बीच क्या है संबंध, जानें कैसे हुई थी इसकी शुरूआत