Friendship Study : आपके कितने दोस्त हैं? आपको क्या लगता है कि किसी शख्स के कितने दोस्त होने चाहिए? ये सवाल हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि आज बात दोस्ती पर होने वाली है. दोस्ती एक खूबसूरत रिश्ता है. यह एक ऐसा रिश्ता है, जिसे हम खुद चुनते हैं. अपने गौर किया होगा कि बढ़े-बूढ़े और किताबें अक्सर फ्रेंड सर्कल को छोटा रखने की ही सलाह देते हैं, लेकिन स्टडी क्या बताती है? आज की खबर में हम आपको फ्रेंड सर्कल पर की गई जर्नल पर्सनालिटी एंड सोशल सायकोलॉजी की स्टडी के बारे में बताएंगे. साथ आपके साथ, ब्रिटेन की चर्चित लेखक और रिलेशनशिप एक्सपर्ट एलिजाबेथ डे का अनुभव भी साझा करेंगे. 


क्या कहती हैं ब्रिटेन की लेखक और रिलेशनशिप एक्सपर्ट?


एलिजाबेथ डे के अनुसार, बहुत सारे करीबी दोस्त होने से व्यक्ति पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. अगर आपके बहुत सारे दोस्त हैं तो लोग आपको सीरियस नहीं लेते हैं. अपनी नई किताब ‘फ्रेंडहॉलिक’ में डे ने बताया है कि अगर कोई शख्स बेहतर मेंटल हेल्थ चाहता है तो उसे चार से पांच ही दोस्त बनाने चाहिए. इससे ज्यादा दोस्त बनाने से फायदा बहुत कम या फिर होता ही नहीं है. सात से ज्यादा दोस्त को एलिजाबेथ ने अवसाद के लक्षणों में बढ़ोतरी से जोड़ा है. 


एलिजाबेथ के अनुसार, अगर आप ज्यादा दोस्त बनाते हैं तो आप किसी के दोस्त नहीं बन सकेंगे, क्योंकि आप हर किसी को समय नहीं दे सकते हैं. लेखक ने अपने निजी जीवन से कई अनुभव को बटोर कर अपनी किताब में उतारा है. 


जर्नल पर्सनालिटी एंड सोशल सायकोलॉजी की स्टडी


जर्नल पर्सनालिटी एंड सोशल सायकोलॉजी की स्टडी के अनुसार, अक्सर लोग ऐसे लोगों को दोस्त बनाना चाहते हैं, जिनके दोस्तों को संख्या कम होती है. स्टडी ने इस बात को गलत साबित कर दिया है कि अगर आपका फ्रेंड सर्कल बड़ा होगा तो ज्यादा लोग आपसे दोस्ती करना पसंद करेंगे. दरअसल, बड़ा फ्रेंड सर्कल होने पर लोगों को यह एहसास होने लगता है कि आप दोस्ती की रिस्पांसिबिलिटी निभाने में कम सक्षम हैं.


यह भी पढ़ें -  माइक्रोलास्टिक पहुंचा रही नुकसान! सिगरेट से लेकर कॉस्मेटिक तक, इन चीजों में होती है मौजूद