दुनिया के अधिकांश देश अपने यहां होने वाले क्राइम से परेशान रहते हैं. इतना ही नहीं सरकार का एक बड़ा तंत्र भी इन क्राइम को रोकने के लिए लगातार काम करता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा देश भी है, जहां पर क्राइम बिल्कुल नहीं है. इतना ही नहीं यहां पर पुलिस भी हथियारों का उपयोग नहीं करती है. जानिए कहां पर कौन सा है ये देश.


आइसलैंड


हम आज यूरोपीय देश आइसलैंड की बात कर रहे हैं. बता दें कि इस देश में क्राइम रेट इतना कम है कि यहां पुल‍िस बंदूक भी नहीं रखती हैं. हालांकि स्वात टीम के पास हथ‍ियार होता है, लेकिन वो भी सालों साल ना के बराबर इसका उपयोग करते हैं. यहां पर देश के हर तीन में से एक नागर‍िक के पास हथ‍ियार है. लेकिन साल में कभी एक-दो हत्‍या जैसे क्राइम होते हैं. वहीं बलात्‍कार, चोरी-डकैती तो जैसे यहां के लोगों को आता ही नहीं है.


सुरक्षा


बता दें कि आइसलैंड में अपनी सुरक्षा को लेकर लोग चिंतित नहीं रहते हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण ये है कि बच्चों को उनके मां-बाप ऐसे ही बाहर छोड़ देते हैं. उन्हें किसी तरह का कोई भय नहीं होता है. वहीं कोई भी क‍िसी अजनबी की गाड़ी में बैठकर कहीं भी चला जाता है. जानकारी के मुताबिक अपराध कम होने के पीछे सबसे अहम वजह बराबरी और समानता का भाव है. यहां उच्च, मध्य और निम्न के बीच अंतर ना के बराबर है. वहीं पैसों के ल‍िए कोई लड़ाई नहीं होती है.


स्कूल-कॉलेज में समानता


जानकारी के मुताबिक इस देश में उद्योगपतियों के बच्चे भी साधारण बच्चों की तरह ही स्कूल जाते हैं. वहीं यहां कॉलेज की डिग्री एक महीने के किराये से कम महंगी है. वहीं हर नागर‍िक के पास नौकरी या क‍िसी ना क‍िसी तरह का रोजगार है. 


ज्वालामुखी


आइसलैंड को ज्वालामुखियों के लिए जाना जाता है. यहां तीन लाख से कुछ ज्‍यादा लोग रहते हैं. यहां की महिलाएं अधिकतर स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काम करती हैं. यही वजह है कि इस देश को 'फैमिनिस्ट हेवन' या महिलाओं के लिए स्वर्ग के तौर पर जाना जाता है.


आप जानकर हैरान होंगे क‍ि अक्टूबर 2023 में यहां की प्रधानमंत्री काटरिन याकब्सडॉटिर देश की अन्‍य मह‍िलाओं के साथ एक दिन की हड़ताल पर चली गईं. उनकी कैबिनेट में शामिल क‍िसी भी मह‍िला मंत्री ने कोई काम नहीं किया. उस वक्‍त महिलाएं देश में वेतन की असमानता और जेंडर आधारित हिंसा का विरोध कर रही थीं. अभी हाल ही में एक बार आइसलैंड चर्चा में तब आया था, जब वहां ज्वालामुखी विस्फोट का लावा कस्बे तक पहुंच गया था. इस कारण वहां पर आपातकाल लागू करना पड़ा था. इसे अब तक का सबसे ताकतवर विस्फोट बताया गया है.


 


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