हम और आप अक्सर घरों में बच जाने वाले खाने को जानवरों को खिला देते हैं. हम यह कभी नहीं देखते हैं कि वह खाना सड़ा-गला है या फिर बासी. हम ऐसे ही उसे जनवरों को खिला देते हैं. सड़कों पर घूमने वाले आवारा जानवर कुछ भी खाकर अपना पेट भर लेते हैं. यहां तक कि वे कई बार कागज को भी चबा जाते हैं, लेकिन इंसानों के पेट की तरह से कभी भी कुछ भी खा लेने से उनका पेट गड़बड़ क्यों नहीं हो जाता है, या फिर वो बीमार क्यों नहीं हो जाते हैं. आखिर उनका पाचन तंत्र इंसानों से कितना अलग है. 

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ज्यादा मजबूत होता है जानवरों का पाचन तंत्र 

कुछ लोग नियम से जानवरों को खाना खिलाते हैं, ताकि बेजुबान भूखे न रहें और उनका भी पेट भरा रहे. लेकिन ऐसा तो नहीं है कि वो घर का बना ताजा खाना उनको खिलाते हैं. हमेशा बासी बच गया खाना जानवर खाते हैं. क्योंकि इंसानों की तुलना में जानवरों का पाचन तंत्र अधिक सक्रिय और मजबूत होता है. खासतौर से जुगाली करने वाले जानवर अलग-अलग खाना पचाने के लिए अनुकूल होते हैं. घास और अन्य पौधे जो कि इंसानों के लिए अनुकूल नहीं होते, उसे वे आसानी से चबा जाते हैं. 

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कितने हिस्सों में बंटा है जानवरों का पेट

जानवर जैसे कि गाय, भैस और भेड़ का पेट चार हिस्सों में विभाजित होता है. इसमें पहले रूमेन होता है, जो कि सबसे बड़ा होता है और इसमें अलग तरह के सूक्ष्मजीव होते हैं, जो कि जटिक कार्बनिक पदार्थों को तोड़ते हैं. रूमेन की क्षमता पशुओं के आकार के आधार पर निर्भर करती है. यह 25 से 50 गैलन तक होती है. यही सूक्ष्मजीव जानवरों का खाना पचाने में उनकी मदद करते हैं, जिनको कि मनुष्य और अन्य साधारण पेट वाले छोटे जानवर हजम नहीं कर पाते हैं. 

गिद्ध का गैस्ट्रिक एसिड सबसे मजबूत

वहीं पक्षियों में बात करें तो गिद्ध का गैस्ट्रिक एसिड सबसे मजबूत होता है. यह बैटरी के एसिड से भी ज्यादा मजबूत होता है. चूंकि यह पक्षी शवों को अपना भोजन बनाता है, ऐसे में यह एसिड एंथ्रेक्स, बोटुलिज्म और अन्य बैक्टीरिया को आसानी से मार देता है और किसी तरह की बीमारी बढ़ने ही नहीं देता है. वहीं घोड़ों की बात करें तो उनकी बड़ी आंत इंसानों की तुलना में काफी मजबूत और बड़ी होती है. यही वजह है कि वे किसी भी तरह का खाना और अन्य रेशेदार चीजें आसानी से पचा ले जाते हैं. 

बहुत मजबूत होता है जानवरों का इम्यून सिस्टम

जानवरों के पाचन तंत्र में अलग तरह के एंजाइम्स होते हैं जो कि सड़े हुए खाने को पचाने में उनकी मदद करते हैं. ये खाने में से हानिकारक चीजों को अलग कर देते हैं. जानवरों का इम्यून सिस्टम भी बहुत मजबूत होता है, जो कि खाने से होने वाले संक्रमण से उनको बचाता है. ज्यादातर जानवर सड़े हुए खाने से दूर रहते हैं, क्योंकि वो सूंघकर उसे पहचान जाते हैं.

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