सुरक्षित तरीके से इंटरकोर्स करना बहुत जरूरी है. यह न सिर्फ अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकता है, बल्कि सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज जैसे कि एचआईवी को भी रोकता है. आप सेफ सेक्स के लिए भले ही किसी दूसरी तरह के प्रोटेक्शन का इस्तेमाल कर रहे हों, लेकिन डॉक्टर्स ने हमेशा से ही कंडोम को एसटीडी और एचआईवी जैसी बीमारियों से बचने के लिए सुरक्षित उपाय माना है. अभी तक तो महिलाएं ही अनसेफ सेक्स के बाद बर्थ कंट्रोल पिल का इस्तेमाल करती थीं, लेकिन खबर है कि अब पुरुषों के लिए भी बर्थ कंट्रोल पिल्स आने वाली है. चलिए इस बारे में विस्तार से जानें.

पुरुषों के लिए भी आने वाली हैं गर्भनिरोधक दवाएं

अभी तक गर्भनिरोधक दवाओं का इस्तेमाल सिर्फ महिलाएं करती थीं, लेकिन अब यह दवाई पुरुषों के लिए भी आने वाली है. अमेरिका में वैज्ञानिकों ने पुरुषों पर YCT-529 नामक हार्मोन-मुक्त गर्भनिरोधक गोली का परीक्षण शुरू कर दिया है. यह वृषण में विटामिन ए की पहुंच को ब्लॉक करके काम करता है और स्पर्म को पैदा होने से रोकता है, लेकिन यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को प्रभावित नहीं करता है, मतलब कि इसका कामेच्छा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.

मनुष्यों पर भी हो रहा इसका प्रयोग

YCT-529 का परीक्षण चूहों पर किया जा चुका है और इसमें पाया गया है कि यह 99 प्रतिशत गर्भधारण को रोक सकता है. यह महिला गर्भनिरोधक दवा के समकक्ष ही काम करता है. इस गोली को लेकर एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि यह करीब इस दशक में तो उपलब्ध हो जाएगी. यह पुरुषों के लिए एकमात्र हार्मोन-मुक्त गर्भनिरोधक गोली है. चूहों के बाद इसका परीक्षण मनुष्यों पर भी हो रहा है. मिनेसोटा विश्वविद्यालय के रसायनज्ञ और फार्मासिस्ट गुंडा जॉर्ज का कहना है कि यह गोली पुरुषों के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी उपाय है, जो कि कपल्स को बर्थ कंट्रोल के लिए ज्यादा ऑप्शन उपलब्ध कराएगा. 

99% है प्रभावी

फिलहाल पुरुषों के लिए पार्टनर में साथी में गर्भधारण को रोकने के लिए केवल दो गर्भनिरोधक उपलब्ध हैं एक है कंडोम और दूसरा पुरुष नसबंदी, जिसे स्निप भी कहा जाता है. गर्भनिरोधक का उपयोग करने वाली लगभग एक-चौथाई महिलाएं मौखिक गर्भनिरोधक गोली का उपयोग करती हैं, लेकिन पुरुषों के लिए वर्तमान में इस तरह की कोई चीजें उपलब्ध नहीं हैं. टीम ने प्रयोगशाला में किए गए प्रयोगों में पाया गया कि दवा से नर चूहों में बांझपन उत्पन्न हुआ तथा एक्सपेरिमेंट के चार सप्ताह के अंदर गर्भधारण रोकने में यह 99 प्रतिशत प्रभावी रही है. 

प्रजनन क्षमता पर कोई असर नहीं

इस बीच पुरुष गैर-मानव प्राइमेट्स में दवा शुरू होने के दो सप्ताह के भीतर ही इसने शुक्राणुओं की संख्या कम कर दी. जरूरी बात यह है कि दवा बंद करने के बाद चूहों और गैर-मानव प्राइमेट्स दोनों में प्रजनन क्षमता पूरी तरह से वापस आ गई और किसी भी प्रजाति में कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है.

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