भारत में जब भी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियों की बात होती है, तो उसका स्पष्ट ब्योरा नियमों और दफ्तरों में दर्ज होता है. आकस्मिक अवकाश CL, अर्जित अवकाश PL और बीमारी अवकाश SL जैसी श्रेणियां हर कर्मचारी के लिए तय होती हैं, लेकिन जब बात मुख्यमंत्री की आती है, तो यह गणित थोड़ा अलग हो जाता है. चलिए जानें कि मुख्यमंत्री को एक साल में कितनी छुट्टियां मिलती हैं.

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सीएम कैसे लेते हैं छुट्टियां

मुख्यमंत्री केवल एक कर्मचारी नहीं, बल्कि संवैधानिक पद पर बैठे राज्य के सर्वोच्च कार्यकारी अधिकारी होते हैं. इस वजह से उन पर सामान्य कर्मचारियों वाले नियम लागू नहीं होते हैं. किसी भी मुख्यमंत्री के लिए छुट्टियों की कोई निश्चित संख्या तय नहीं होती है. वे अपनी कार्यप्रणाली, स्वास्थ्य और विशेष परिस्थितियों के आधार पर अवकाश ले सकते हैं, जिसकी जानकारी और स्वीकृति उच्च स्तर पर दर्ज होती है.

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सरकारी कर्मियों को कितनी मिलती है छुट्टी

अगर तुलना करें, तो सामान्य सरकारी कर्मचारी को छुट्टियों का एक पैकेज मिलता है. उदाहरण के लिए, केंद्रीय सेवाओं में काम करने वाले कर्मचारी को हर साल लगभग 30 दिन PL मिलते हैं, CL की संख्या आमतौर पर 8 दिन होती है. वहीं, राज्य स्तर पर यह संख्या कुछ अलग हो सकती है. उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में कर्मचारियों को सालाना करीब 15 दिन PL और 10 से 12 दिन CL मिलता है. इसके अलावा, Sick Leave के लिए लगभग 15 दिन का प्रावधान रहता है.

सीएम के लिए कोई निश्चित छुट्टी नहीं.

लेकिन मुख्यमंत्री की छुट्टियों को इन आंकड़ों से जोड़ना सही नहीं होगा, क्योंकि उनकी भूमिका 24 घंटे सक्रिय रहने वाली जिम्मेदारी की होती है. चाहे फिर विधानसभा का सत्र चल रहा हो, कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही हो या राज्य में कोई आपदा आई हो, मुख्यमंत्री को तुरंत निर्णय लेना पड़ता है. ऐसे में उनके लिए निश्चित छुट्टी की परिभाषा नहीं बन पाती है.

इतिहास गवाह है कि मुख्यमंत्री अक्सर सालों तक बिना किसी औपचारिक अवकाश के लगातार काम करते रहते हैं. उनकी छुट्टियां भी काम से अलग होकर आराम के बजाय काम की रणनीति बनाने या स्वास्थ्य सुधार जैसे कारणों तक सीमित रहती हैं.

मुख्यमंत्री के लिए छुट्टियों का कोई पैटर्न तय नहीं

यानी, जहां एक सामान्य कर्मचारी अपनी छुट्टियों का कैलेंडर पहले से तय कर सकता है, वहीं मुख्यमंत्री की छुट्टियां किसी तय सीमा में नहीं बंधी होतीं हैं. उनका अवकाश व्यक्तिगत स्थिति और सरकारी जरूरतों पर आधारित होता है. सामान्य शब्दों में कहा जाए तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री या किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री के लिए छुट्टियों का कोई निश्चित पैटर्न नहीं होता है. 

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