गणतंत्र दिवस हमारे राष्ट्रीय त्योहार केे रूप में मनाया जाता है. जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुए भारत केे संविधान को याद कर मनाया जाता है. इस दौरान हर साल किसी न किसी विदेेशी मेहमान को भी आमंत्रित किया जाता है. पहली बार यानी 1950 में मुख्य अतिथि केे तौर पर  एशियाई देश इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णों शामिल हुए थे. वहीं इस बार वो विदेशी मेहमान फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन थे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ साल ऐसे भी रहे हैं जब हमनेे गणतंत्र दिवस बिना किसी विदेशी मेहमान केे सेलिब्रेट किया है.


इस वर्षों में बिना मुख्य अतिथि केे मनाया गया गणतंत्र दिवस
2022
: कोविड-19 महामारी के चलते भारत सरकार नेे किसी विदेशी मेहमान को इस साल आमंत्रित नहीं किया था. यही कारण है कि इस साल कोई विदेशी मेेहमान गणतंत्र दिवस समारोह मेें शामिल नहीं हुआ था.


2021: इस साल यूनाइटेेड किंगडम के तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था लेकिन वो इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए और उन्होंने अपनी यात्रा स्थगित कर दी थी.


1966: साल 1966 में भारत सरकार की ओर से गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में किसी को भी आमंत्रण नहीं भेजा गया था.


1952: इस साल किसी विदेशी मेहमान को आमंत्रित नहीं किया गया था.


1953: इस साल भी किसी विदेेशी मेहमान को आमंत्रित नहीं किया गया था. इनकेे अलावा हर साल विदेशी मेहमानों को आमंत्रण भेजा जाता रहा है.


क्यों गणतंत्र दिवस पर विदेशी मेहमानों को किया जाता है आमंत्रित
बता दें हर साल इस खास मौकेे पर विदेशी मेहमानों को आमंत्रित करने का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के अलावा भारतीय संस्कृति की समृद्ध विविधता का प्रदर्शन करना होता है.                                          


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