हम अपने घरों में अकसर एक छोटे, तेज भागने वाले कीड़े को कॉकरोच देखते हैं. कभी ये रसोई में दिख जाता है, कभी बाथरूम के किसी कोने में, हम इसे देखकर परेशान तो होते हैं, लेकिन शायद ही कभी सोचते हों कि ये छोटा-सा जीव असल में कितना पुराना है. आपको जानकर हैरानी होगी कि कॉकरोच सिर्फ कुछ साल या हजार साल पहले के नहीं, बल्कि करोड़ों साल पुराने जीव हैं. इन्हें पृथ्वी के उन जीवों में गिना जाता है जो सबसे पहले पैदा हुए और आज तक जीवित हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक कॉकरोच की उम्र इतनी पुरानी है कि ये डायनासोर से भी पहले मौजूद थे.  ऐसे में चलिए जानते हैं कि दुनिया में कॉकरोच की कितनी प्रजातियां है. 

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कॉकरोच की शुरुआत 

कॉकरोच की की कहानी पृथ्वी के उस दौर शुरू होती है. जो लगभग 35 करोड़ साल पहले था. इसी समय को कार्बोनिफेरस एरा कहा जाता है. यही वह दौर था जब धरती पर बहुत सारे पुराने पौधे और प्राचीन जीव पैदा हुए. इसी अध्याय में कॉकरोच की शुरुआत हुई. दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज में जूलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नवाज आलम खान बताते हैं कि कॉकरोच की उम्र इतनी पुरानी है कि यह मेसोजोइक युग से भी पहले मौजूद थे. वही युग जिसमें डायनासोर धरती पर राज करते थे. वह कहते हैं कि कॉकरोच डायनासोर से भी बहुत पुराने हैं. जुरासिक पीरियड तो बाद में आता है, कॉकरोच तो उससे भी पहले कार्बोनिफेरस एरा में मौजूद थे. मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दुष्यंत कुमार चौहान भी इस बात पर मुहर लगाते हैं. उनका कहना है कि कॉकरोच इनवर्टेब्रेट समूह के जीव हैं और वर्टिब्रेट यानी रीढ़ की हड्डी वाले जीव इनके बाद विकसित हुए. 

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दुनिया में कॉकरोच की कितनी प्रजातियां?

पूरी दुनिया में 4500 से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं. इनमें से सिर्फ करीब 30 प्रजातियां ही हमारे घरों के आस-पास रहती हैं, बाकी जंगलों और दूसरे पहाड़ी इलाकों में पाई जाती हैं.   कॉकरोच का शरीर तीन हिस्सों में बंटा होता है. जिसमें हेड (सिर), थोरेक्स (बीच का हिस्सा), एब्डोमन (पेट वाला हिस्सा), इनके शरीर के ऊपर एक सख्त लेयर होती है जिसे एक्सोस्केलेटन कहते हैं. यह काइटिन नाम के पदार्थ से बनी होती है जो बहुत मजबूत होता है. यही लेयर कॉकरोच को दुश्मनों और मुश्किल वातावरण से बचाती है. इसके अलावा इनके एंटीना बहुत संवेदनशील सेंसर होते हैं, जो आसपास का माहौल, खतरा और खाना ढूंढने में मदद करते हैं. 

कॉकरोच सिर कटने के बाद भी एक हफ्ता कैसे जिंदा रह सकता है?

कॉकरोच के शरीर में सिर्फ सिर में ही दिमाग नहीं होता है. इनके शरीर के अलग-अलग हिस्सों में गैंगलिया होते हैं, जो छोटे-छोटे ब्रेन की तरह काम करते हैं. इसलिए सिर कटने पर भी बाकी गैंगलिया शरीर को कुछ दिन तक चलाते रहते हैं. कॉकरोच स्पाइरेकल्स नाम के छोटे-छोटे छिद्रों से सांस लेते हैं, जो शरीर पर कई जगह होते हैं. इसलिए सिर न होने के बावजूद वे सांस ले सकते हैं क्योंकि सिर कटने पर वे पानी नहीं पी सकते, और बिना पानी के कॉकरोच ज्यादा दिन नहीं बचता. इसे नमी की बहुत जरूरत होती है. 

क्या कॉकरोच परमाणु हमले में भी बच सकते हैं?

परमाणु बम के पास अगर बहुत तेज गर्मी हो तो कॉकरोच भी मर जाएंगे. लेकिन ये सही है कि कॉकरोच इंसानों की तुलना में लगभग 15 गुना ज्यादा रेडिएशन सहन कर सकते हैं. उनका शरीर म्यूटेशन को इंसानों की तरह तेजी से रिएक्ट नहीं करता, इसलिए वे रेडिएशन झेल जाते हैं. लेकिन इनकी सबसे बड़ी कमजोरी डिहाइड्रेशन है यानी बिना पानी के ज्यादा दिन नहीं चल सकते हैं. 

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