मध्यप्रदेश देश का वह हिस्सा है, जहां आजादी से पहले कई छोटी-बड़ी रियासतें थीं. राजा, महाराजा और नवाब यहां सत्ता के असली केंद्र हुआ करते थे. भले ही देश को आजाद हुए कई दशक बीत चुके हों और लोकतंत्र स्थापित हो चुका हो, लेकिन मध्यप्रदेश की राजनीति से शाही परिवारों का असर आज भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है.
आज चुनाव बैलेट और ईवीएम से होते हैं, सत्ता संविधान के तहत चलती है, लेकिन राजनीति के गलियारों में अब भी राजघरानों की विरासत साफ दिखाई देती है. कई बार इन शाही परिवारों की आपसी राजनीति और टकराव का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ा है. यही कारण है कि मध्यप्रदेश की सियासत को राजा-महाराजाओं के बिना अधूरा माना जाता है सिर्फ राजनीति ही नहीं, बल्कि दौलत के मामले में भी मध्यप्रदेश के कुछ परिवार देश के सबसे अमीर लोगों की सूची में शामिल हैं. हुरुन इंडिया रिच लिस्ट में प्रदेश के कई उद्योगपति और कारोबारी हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ जगह बनाए हुए हैं. तो आइए जानते हैं कि मध्यप्रदेश में आज भी कितने शाही परिवार हैं और किसके पास सबसे ज्यादा पैसा है.
मध्यप्रदेश में आज भी कितने शाही परिवार?
मध्यप्रदेश में कई छोटे-बड़े शाही परिवार आज भी राजनीतिक रूप से प्रभावशाली हैं, जिनमें ग्वालियर, रीवा, राघोगढ़, नरसिंहगढ़, चुरहट, देवास, दतिया, छतरपुर, पन्ना और खिचलीपुर प्रमुख हैं. हालांकि सामंतवाद खत्म हो चुका हो, लेकिन आम लोगों की सोच में इन परिवारों की पकड़ आज भी बनी हुई है, जिसका असर चुनावी राजनीति में भी साफ दिखता है.
किसके पास सबसे ज्यादा पैसा है?
ग्वालियर का सिंधिया राजवंश भारत के सबसे धनी शाही परिवारों में से एक है, सिंधिया परिवार की संपत्ति का सही अनुमान आज तक नहीं हो पाया है. अनुमान लगाया जाता है कि दुनियाभर में सिंधिया राजवंश की कुल संपत्ति 40 हजार करोड़ से भी ज्यादा है, जिसमें ऐतिहासिक जय विलास पैलेस और अन्य संपत्तियां शामिल हैं, हालांकि, इस संपत्ति के बंटवारे को लेकर परिवार के सदस्यों के बीच काफी समय से कानूनी विवाद चल रहा है.
मध्यप्रदेश के सबसे अमीर लोग
मध्यप्रदेश आर्थिक रूप से तेजी से आगे बढ़ रहा है.राज्य अब बड़े उद्योगपतियों और व्यापारिक घरानों का केंद्र बनता जा रहा है. हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश में कई ऐसे लोग हैं जिनकी संपत्ति 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा है.विनोद अग्रवाल मध्यप्रदेश के सबसे अमीर व्यक्ति माने जाते हैं.वे इंदौर के निवासी हैं और अग्रवाल कोल कंपनी के मालिक हैं. कोयला कारोबार में उन्होंने बड़ी सफलता हासिल की है. उनकी कुल संपत्ति लगभग 7,100 करोड़ रुपये आंकी गई है. इसके अलावा दिलीप सूर्यवंशी भोपाल के रहने वाले हैं और दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड के संस्थापक हैं. उनकी कुल संपत्ति लगभग 3,800 करोड़ रुपये बताई जाती है. इसके साथ ही श्यामसुंदर मूंदड़ा इंदौर के निवासी हैं और उजास एनर्जी के मालिक हैं. उनकी कुल संपत्ति लगभग 3,500 करोड़ रुपये आंकी गई है.
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