Bihar CM Holidays: भारत में सरकारी कर्मचारियों के लिए छुट्टियों के नियम एकदम साफ हैं. कैजुअल लीव, प्रिविलेज्ड लीव और सिक लीव जैसी कैटेगरी सेवा नियमों में साफ तौर पर लिखी जाती हैं. लेकिन अगर मुख्यमंत्री की बात करें तो यहां स्थिति बिल्कुल अलग होती है. दरअसल मुख्यमंत्री जो राज्य के सबसे बड़े कार्यकारी अधिकारी होते हैं, बाकी नियमित कर्मचारियों की तरह छुट्टियों की एक निश्चित संख्या के पात्र नहीं होते. आइए जानते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री को कितनी छुट्टियां मिलती हैं. कैसे मिलती है मुख्यमंत्री को छुट्टी दरअसल मुख्यमंत्री सिर्फ एक कर्मचारी नहीं होते, बल्कि एक संवैधानिक अधिकारी होते हैं. मुख्यमंत्री के ऊपर पूरे राज्य के प्रशासन का जिम्मा होता है. यानी कि सरकारी कर्मचारियों के सामान्य सेवा नियम उन पर लागू नहीं होते. मुख्यमंत्री अपनी सेहत, काम के बोझ या फिर विशेष परिस्थितियों के आधार पर ही छुट्टी ले सकते हैं. इतना ही नहीं बल्कि जब उन्हें छुट्टी लेनी होती है तो पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए इसे आधिकारिक तौर पर दर्ज और घोषित किया जाता है. सरकारी कर्मचारियों के लिए छुट्टी के नियम इसे थोड़ा और आसानी से समझने के लिए बाकी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टी के नियमों को जानते हैं. सरकारी कर्मचारियों को प्रिविलेज्ड लीव मिलती है. इसमें केंद्र सरकार के कर्मचारियों को सालाना लगभग 30 दिन की छुट्टी मिलती है और बिहार जैसे राज्यों के कर्मचारियों को लगभग 15 दिन की. इसके अलावा कैजुअल लीव दी जाती है. यह लीव कर्मचारियों को आमतौर पर साल में 8-12 दिन की छुट्टी देती है. इसी के साथ स्वास्थ्य संबंधी कारणों की वजह से सिक लीव भी दी जाती है. इसमें 15 दिन की छुट्टी मिलती है. मुख्यमंत्री के लिए कितनी छुट्टियां बाकी कर्मचारियों के विपरीत मुख्यमंत्री का काम 24 घंटे का होता है. फिर चाहे वह कानून व्यवस्था की समस्या हो, प्राकृतिक आपदा हो या फिर विधानसभा सत्र, मुख्यमंत्री को हमेशा उपलब्ध रहना पड़ता है. इसी वजह से उनकी छुट्टी के लिए कोई औपचारिक नियम या सीमा नहीं है. पिछले रिकॉर्ड के मुताबिक मुख्यमंत्री अक्सर बिना औपचारिक छुट्टी लिए सालों तक काम करते रहे हैं. जब मुख्यमंत्री छुट्टी लेते भी हैं तो आम तौर पर इलाज, आराम या फिर रणनीतिक योजना के लिए ही लेते हैं. इसके लिए छुट्टियों की जानकारी सार्वजनिक रूप से दी जाती है ताकि प्रशासन के कार्य में कोई भी रुकावट ना आए. दूसरे शब्दों में कहें तो चाहे बिहार हो या फिर कोई और राज्य, मुख्यमंत्री की छुट्टियों का कोई भी निश्चित नियम नहीं है. उनका काम 24 घंटे का होता है जिसमें निश्चित छुट्टियों का कोई नियम नहीं होता.

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