भारत में हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस धूमधाम के साथ मनाया जाता है. सभी भारतीयों के लिए यह एक एतिहासिक दिन है और हिंदू हो या मुसलमान इस दिन को बहुत उल्लास के साथ मनाते हैं. क्योंकि करीब 200 सालों की क्रूर अंग्रेजी हुकूमत और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों के बलदान के बाद भारत को अंग्रेजों से मुक्ति मिली थी, जब देश की धरती से अंग्रेजी हुकूमत का सफाया हुआ था. उस वक्त भारत के दो टुकड़े हुए थे और एक हिस्सा पाकिस्तान बना था. जो कि एक मुस्लिम देश है. 

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उस वक्त पाकिस्तान का बंटवारा धर्म के आधार पर ही हुआ था. तब लाखों की तादात में मुसलमान भारत से पाक गए थे. चलिए आज यह जानते हैं कि आखिर कितने हिंदू बंटवारे के वक्त पाकिस्तान चले गए थे और उस समय कितने मुसलमान भारत में बचे थे. 

पाकिस्तान की आबादी

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पाकिस्तान में अगर हिंदुओं की बात की जाए तो पाक सरकार का ऐसा कहना है ति वहां पर मुसलमानों के बाद सबसे ज्यादा हिंदू आबादी रहती है. जबकि पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टेटिक्स, यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम के आंकड़ों की मानें तो पाकिस्तान में आज से करीब पांच साल पहले 20.77 करोड़ की कुल आबादी थी. इसमें से 96.3% मुस्लिम, 1.6% हिंदू, 1.5% क्रिश्चियन, 0.2% अहमदिया मुस्लिम और 1.22% में बौद्ध, सिख, पारसी, बहई और अन्य लोग आते हैं.

बंटवारे के वक्त कितने हिंदू गए पाकिस्तान

2017 की जनगणना कहती है कि उस वक्त पाकिस्तान में करीब 40 लाख हिंदू हुआ करते थे. पाकिस्तान के उमरकोट जिले में सबसे ज्यादा हिंदुओं की आबादी है. यहां पर करीब 52% हिंदू रहते हैं. 14 अगस्त 1947 को जब पाकिस्तान, भारत से अलग होकर एक नया देश बना था, उस वक्त 44 लाख हिंदू और सिख भारत की ओर से पाकिस्तान पहुंचे थे. लेकिन कितने हिंदू भारत से पाकिस्तान गए थे, इसका कोई सटीक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है. 

बंटवारे के वक्त कितने मुसलमान भारत में बचे

1947 में जब भारत का विभाजन हुआ था, उस वक्त भारत में ही लगभग 3.54 करोड़ मुसलमान रहे थे. विकिपीडिया की मानें तो विभाजन से पहले अविभाजित भारत में 7.44 करोड़ मुसलमान थे, जिसमें से लगभग आधे यानि 3.90 करोड़ पाकिस्तान में चले गए थे. रिपोर्ट्स की मानें तो विभाजन के दौरान हुई हिंसा में करीब 10 लाख लोग मारे गए थे और करीब 1.46 करोड़ शरणार्थियों ने अपना घर छोड़कर बहुमत संप्रदाय वाले देश में शरण ली थी. 

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