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दुनिया के कितने देशों में अमीरों-गरीबों का अंतर ज्यादा, क्यों बढ़ रही यह खाई?

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कविता गाडरी   |  10 Dec 2025 12:53 PM (IST)

रिसर्च के अनुसार दुनिया की एक तिहाई आबादी ऐसे इलाकों में रहती है, जहां असमानता घटी है. एक चौथाई आबादी ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं, जहां 1990 के बाद से आय और असमानता दोनों ही तेजी से बढ़ी है.

आय में असमानता

एक नई वैश्विक रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इसमें सामने आया है कि 1990 के बाद दुनिया की राष्ट्रीय आय में करीब 94 प्रतिशत बढ़ोतरी होने के बावजूद आधी से ज्यादा आबादी आय असमानता से जूझ रही है. इसे लेकर रिसर्चर्स ने चेतावनी दी है कि आने वाले सालों में अमीर और गरीबों के बीच या खाई और बढ़ सकती है. वहीं रिसर्च में भारत की तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि दक्षिण भारत ने पिछले 3 दशकों में ज्यादा खुशहाल और समावेशी विकास किया, जबकि उत्तर भारत में असमानता लगभग स्थिर बनी हुई है. यह रिसर्च फिनलैंड की आल्टो यूनिवर्सिटी ने की. ऐसे में चलिए अब आपको बताते हैं कि दुनिया के कितने देश में अमीरों और गरीबों का अंतर बड़ा है.

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दुनिया में कहां बढ़ी असमानता और कहां कम हुई?

रिसर्च के अनुसार दुनिया की एक तिहाई आबादी ऐसे इलाकों में रहती है, जहां असमानता घटी है. एक चौथाई आबादी ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं, जहां 1990 के बाद से आय और असमानता दोनों ही तेजी से बढ़ी है. वहीं तीन दशक के डेटा का विश्लेषण करते हुए रिसर्चर्स ने बताया कि असमानता का असली असर राष्ट्रीय औसत से अलग है. कई देशों में लोकल स्तर पर असमानता बहुत ज्यादा दिखाई देती है, भले ही राष्ट्रीय आंकड़ों में यह कम दिखाई देती हो.

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भारत में उत्तर-दक्षिण के बीच बड़ा फर्क

फिनलैंड की इस रिपोर्ट में भारत का जिक्र करते हुए बताया गया है कि उत्तर भारत में असमानता में खास बदलाव नहीं हुआ. वहीं दक्षिणी राज्य जिन्हें वामपंथ का मजबूत गढ़ माना जाता है, वहां बेहतर हेल्थ सिस्टम, एजुकेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर और आर्थिक निवेश की वजह से ज्यादा समावेशी विकास देखने को मिला. इसके अलावा रिसर्चर्स ने यह भी बताया कि यह रिसर्च संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य यानी देश के भीतर असमानता कम करने के उद्देश्य का भी मूल्यांकन करती है. रिपोर्ट के अनुसार SDG-2030 के लक्ष्य पूरे होना मुश्किल लगता है, क्योंकि असमानता कम होने की बजाय लगातार बढ़ती जा रही है.

असमानता में बढ़ोतरी और गिरावट

इस रिसर्च में यह भी सामने आया है कि दुनिया की कुल राष्ट्रीय आय तो बढ़ी, लेकिन उपलब्ध डाटा सेट के आधार पर असमानता कई क्षेत्रों में 40 प्रतिशत 59 प्रतिशत तक बढ़ गई. हालांकि कुछ क्षेत्रों में करीब 31 प्रतिशत से 36 प्रतिशत हिस्सों में असमानता की कमी भी दर्ज की गई. वहीं इस रिसर्च के मुख्य रिसर्चर्स के अनुसार उपराष्ट्रीय डेटा यह बताता है कि देशों के अंदर असमानता का ग्राफ राष्ट्रीय स्तर से बिल्कुल अलग हो सकता है.

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Published at: 10 Dec 2025 12:53 PM (IST)
Tags: global inequality income gap rich poor gap
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