Donald Trump Security: जैसे ही अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस से बाहर निकलते हैं वे तुरंत धरती पर सबसे ज्यादा सुरक्षित लोगों में से एक बन जाते हैं. डोनाल्ड ट्रंप एक सोफिस्टिकेटेड और मल्टी लेयर सुरक्षा सिस्टम से घिरे रहते हैं. यह सुरक्षा एक फुल स्केल, मिलिट्री ग्रेड शिल्ड है जिसे यूनाइटेड स्टेट्स सीक्रेट सर्विस द्वारा तैनात किया जाता है और अमेरिका के एयर डिफेंस और इंटेलिजेंस इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा मजबूत किया जाता है. 

Continues below advertisement

ट्रंप की सुरक्षा का मुख्य आधार 

ट्रंप की सुरक्षा की नींव यूएस सीक्रेट सर्विस का प्रेसीडेंशियल प्रोटेक्टिव डिवीजन है. यह एजेंट हर समय उनके करीब रहता है. इन एजेंट को गोलीबारी, विस्फोट या फिर संदिग्ध हरकतों पर मिली सेकंड में प्रतिक्रिया देने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. 

Continues below advertisement

काउंटर असॉल्ट टीम 

करीबी सुरक्षा परत से हटकर काउंटर असॉल्ट टीम भारी हथियारों से लैस कमांडो का एक समूह होता है. यह समूह काफी तेज और आक्रामक प्रतिक्रिया में माहिर होता है. अगर कभी कोई हमला होता है तो यह टीम सिर्फ ट्रंप की सुरक्षा ही नहीं करती बल्कि वह हमलावरों का सीधा सामना करती हैं. यह टीम अलग-अलग बख्तरबंद गाड़ियों में यात्रा करती है.

सार्वजनिक कार्यक्रम में तैनात स्नाइपर 

जब भी ट्रंप रैली, भाषण या फिर बड़ी सभाओं में शामिल होते हैं तो स्नाइपर टीम छत और ऊंची जगह पर तैनात हो जाती है. ये निशानेबाज हाई प्रिसिशन राइफल, नाइट विजन स्कोप और लंबी दूरी के निगरानी उपकरण से आसपास के इलाकों की निगरानी करते हैं.

के9 यूनिट्स 

ट्रंप जिस भी जगह जाते हैं उस जगह की के9 बम डिटेक्शन टीम अच्छी तरह से इलाके की जांच करती है. ये कुत्ते इंसान या फिर मशीन की तुलना में काफी तेजी से विस्फोटक, रासायनिक निशान, हथियार और संदिग्ध पैकेज का पता लगा सकते हैं. 

एयर स्पेस की सुरक्षा 

ट्रंप की सुरक्षा जमीन से ऊपर भी होती है. फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन जहां भी वे जाते हैं वहां अस्थाई उड़ान प्रतिबंध लगाता है. इस वजह से उनके ऊपर का एयर स्पेस नो फ्लाई जोन बन जाता है. इस बीच NORAD अमेरिका का एयर डिफेंस कमांड बिना इजाजत वाली एयरक्राफ्ट के लिए रडार पर पूरी नजर रखता है. अगर कोई भी प्लेन या फिर ड्रोन प्रतिबंधित एयरस्पेस का उल्लंघन करता है तो कुछ मिनट के अंदर फाइटर जेट भेजे जा सकते हैं.

खुफिया एजेंसी से बनती बाहरी सुरक्षा परत 

सीक्रेट सर्विस के तुरंत घेरे के बाहर एफबीआई, यूनाइटेड स्टेट्स कैपिटल पुलिस और स्थानीय कानून परिवर्तन जैसी एजेंसी निगरानी शुरू कर देती है. यह खतरों का विश्लेषण करती हैं, बैकग्राउंड चेक करती हैं और डिजिटल बातचीत पर भी नजर रखती है.

ये भी पढ़ें: किस रूट से आते थे अंग्रेजों के हथियार, इसमें भारत में क्या-क्या बनता था?