How Does Traffic Camera Works: सड़क पर चलते समय ट्रैफिक नियमों का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण होता है. यदि आप दिल्ली, मुंबई या किसी अन्य बड़े मेट्रोपोलिटन शहर में रहते हैं, तो आपने सड़कों पर स्थापित कैमरों को देखा होगा. जब कोई व्यक्ति ट्रैफिक सिग्नल का उल्लंघन करता है या अतिरिक्त गति से चलता है, तो कैमरे खुद चालान जनरेट करके उसके घर के पते पर भेज देते हैं. इसके पश्चात्, ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले को चालान भुगतान करना पड़ता है. आइए जानते हैं कि ये कैमरे कैसे काम करते हैं और उनसे बचना क्यों संभव नहीं है.

Continues below advertisement

ट्रैफिक कैमरा ऐसे करता है काम

ट्रैफिक कैमरे सड़क पर ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन करने वालों की पहचान करने के लिए लगाए जाते हैं. इन कैमरों का इस्तेमाल सुपर हाई रेजोल्यूशन (2 मेगापिक्सल) कैमरों से किया जाता है, जो 60 डिग्री की कवरेज वाले होते हैं. इसलिए, ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर इन कैमरों से बचना काफी मुश्किल होता है. इन कैमरों की मदद से, वाहनों की रफ्तार का पता लगाना आसान होता है.

डेटा की सुरक्षा

ये कैमरे ट्रैफिक कंट्रोल रूम से ऑपरेट होते हैं. इन कैमरों के लिए विशेष डेटा एन्क्रिप्शन सॉफ़्टवेयर का उपयोग किया जाता है. साथ ही, कैमरे द्वारा लिए गए फोटो और वीडियो सुरक्षित रखे जाते हैं, ताकि यदि कोई विवाद हो, तो इन्हें न्यायालय के सामने प्रस्तुत किया जा सके.

Continues below advertisement

ई-चालान कैसे भेजा जाता है?

जब किसी व्यक्ति ने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया होता है, तो ट्रैफिक कंट्रोल रूम द्वारा एसएमएस के माध्यम से आपके मोबाइल पर ई-चालान भेजा जाता है. यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर चालान की राशि जमा नहीं की जाती है, तो वाहन जब्त किया जा सकता है. यह ध्यान देने योग्य है कि ट्रैफिक कंट्रोल रूम 24x7 कार्यरत होता है, इसलिए रात के समय भी आपको इन कैमरों से बचने की संभावना नहीं होती है.

गलती की नहीं रहती संभावना

ई-चालान आपके पास पहुंचने से पहले इसे दो चरणों की प्रक्रिया से गुजरना होता है. पहले ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की स्वचालित पुष्टि की जाती है, और फिर इसे मैन्युअल रूप से जांचा जाता है, जिससे कि कोई गलती की संभावना नहीं रहे.

यह भी पढ़ें - क्या रेड वाइन में भी हमें पानी और सोडा मिला कर पीना चाहिए?