भारत के दो ऐसे पड़ोसी देश हैं जिनके साथ दशकों से टेंशन बनी हुई है. यानी इनके साथ भारत के रिश्ते कभी बहुत बेहतर नहीं रहे. इनमें एक चीन है और दूसरा पाकिस्तान. दोनों ही देशों के साथ भारत युद्ध लड़ चुका है. यही वजह है कि भारत इन देशों से लगी सीमाओं की रक्षा के लिए ज्यादा पुख्ता इंतजाम करता है. यही वजह है कि भारत अब प्रीडेटर ड्रोन हासिल करने वाला है. दरअसल,  ये ड्रोन भारतीय सेना को मिल गए तो उसकी शक्ति कई गुना और बढ़ जाएगी. यही वजह है कि पाकिस्तान इससे डरा हुआ है.


कितने खास हैं प्रीडेटर ड्रोन


MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन अमेरिका के हैं. भारत को इसके दो वेरिएंट मिलने वाले हैं. इनमें एक का नाम है स्काई गार्जियन और दूसरे का नाम है सी गार्जियन. ये दोनों ड्रोन कमाल के हैं. आपको बता दें भारत की नौसेना सी गार्जियन ड्रोन का इस्तेमाल पहले से ही कर रही है. भारतीय नौसेना साल 2020 से इनका इस्तेमाल कर रही है.


आपको बता दें, प्रीडेटर ड्रोन एक बार में उड़ान भरने पर 35 घंटे लगातार उड़ान भर सकते हैं. यानी ये हवा में रह कर लंबे समय तक सीमा की रक्षा कर सकते हैं. इसकी ईंधन क्षमता भी करीब 2721 किलोग्राम की है और यह 40,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है. इसके अलावा इसमें 450 किलोग्राम बमों को भी लोड किया जा सकता है. इसके अलावा ये ड्रोन किसी भी परिस्थिति में उड़ान भर सकता है, कभी भी ऑटोमैटिक टेक ऑफ कर सकता है.  इनकी इसी खासियत की वजह से भारत के पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान परेशान हैं.


बनेंगे भारतीय सेना की ताकत


ये प्रीडेटर ड्रोन जैसे ही अमेरिका से भारत आएंगे, भारतीय सेना की शक्ति कई गुना ज्यादा बढ़ जाएगी. ये ड्रोन भारत की सैन्य क्षमता को इंडो-पैसिफिक में कई गुना बढ़ा देंगे. हालांकि, अमेरिका इन ड्रोन के लिए भारत से अरबों डॉलर ले रहा है. कहा जा रहा है कि अगर इन ड्रोन्स की तैनाती पाकिस्तान और चीन से सटे सीमाओं पर हो जाएगी तो यह सीमाएं बिना सैनिकों के शहादत के सुरक्षित रहेंगी. यही वजह है कि भारतीय सेना इन ड्रोन्स का इंतजार कब से कर रही है.


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