इंसान का जन्म क‍िसी चमत्कार से कम नहीं माना जाता, लेकिन साइंस इसे बहुत दिलचस्प और साफ शब्दों में समझाती है. साइंस के अनुसार एक पुरुष से निकली स्पर्म की बूंद जब महिला के एग से मिलती है तभी से एक नए जीवन की नींव रखी जाती है. यही छोटा सा स्पर्म आगे चलकर पूरे इंसान के रूप में विकसित हो जाता है. 

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स्पर्म कहां बनता है?

पुरुषों के शरीर में स्पर्म का निर्माण टेस्टिस में होता है. यहां पर मौजूद खास कोशिकाएं लगातार लाखों की संख्या में स्पर्म तैयार करती रहती है. बनने के बाद यह एपिड‍िड‍िम‍िस  नामक हिस्से में जमा हो जाता है और वहीं परिपक्व होता है. जब यौन संबंध के दौरान पुरुष का सीमन बाहर निकलता है तो उसके साथ करोड़ों स्पर्म भी महिला के शरीर में प्रवेश करते हैं. यह स्पर्म यूट्रस और फैलोपियन ट्यूब्स से होते हुए एग तक पहुंचते हैं.  हालांकि करोड़ों में से केवल एक स्पर्म ही एग से मिल पाता है. 

कहां-कहां से गुजरता है स्पर्म?

स्पर्म पहले एम्पुला तक पहुंचता है जहां सीमिनल वेसिनल का फ्लूइड जुड़ जाता है. इसके बाद यह प्रोस्टेट ग्लैंड से गुजरता है, जहां से फ्लड मिलकर इसे सीमन बना देते हैं. वहीं लास्ट में यह  यूरेथ्रा के रास्ते बाहर निकलता है. 

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कैसे बनता है इंसान?

जैसे ही स्पर्म और एग्स मिलते हैं एक जाइगोट बनता है. यही एक सेल आगे चलकर विभाजित होना शुरू करता है और लाखों करोड़ों नई कोशिकाएं बन जाती है. यही कोशिकाएं धीरे-धीरे अंग, हड्डियां, दिमाग और पूरा शरीर तैयार करती है.  यही वजह है कि एक बूंद स्पर्म से इंसान का पूरा शरीर बनने का सफर बिल्कुल जादू की तरह माना जाता है. यही कारण है कि इसे लाइफ की शुरुआत कहा जाता है. वहीं, साइंस के अनुसार इंसान के अस्तित्व की असली शुरुआत यही छोटा-सा स्पर्म करता है.

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