सऊदी अरब के रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक फोटो शेयर की है. इस फोटो में साफ नजर आ रहा है कि मुसलमानों के सबसे पवित्र शहर मक्का में जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल डिफेंस सिस्टम और मस्जिद अल-हराब (काबा) की एक सैन्य हेलिकॉप्टर से निगरानी की जा रही है. रक्षा मंत्रालय ने इस तस्वीरों को पोस्ट करते हुए लिखा, “एयर डिफेंस फोर्सेज…वह आंख जो कभी भी पलक नहीं झपकाती है और उसका मिशन खुदा के मेहमानों की हिफाजत करना है.” 

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दरअसल सऊदी अरब में 4 जून से हज शुरू हो गया है, ऐसे में तीर्थ यात्रियों की हिफाजत करना जरूरी है, लेकिन एक सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या मक्का में कोई बड़ा हमला हो सकता है. आखिर सऊदी अरब की दुश्मनी किससे है. ये एयर डिफेंस सिस्टम किसके लिए तैनात किए गए हैं. आइए जानें.

कब होता है हज

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इस्लामी कैंलेंडर के 12वें महीने जिल-हिज्जा की 8वीं से 12वीं तारीख तक सऊदी अरब में बज चलता है. इस बार यह 4 जून से 9 जून तक था. इसके लिए 1 जून तक ही 14 लाख रजिस्टर्ड हजयात्री मक्क पहुंच चुके थे, जिसमें से 1.75 लाख लोग भारत से पहुंचे थे. मुस्लिम में हज को एक जरूरी धार्मिक कर्तव्य माना जाता है. ऐसे में हर वो मुस्लिम जो कि शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम हो, उसे हज करना अनिवार्य हो ता है. इस दौरान ये लोग काबा के चारों और परिक्रमा करते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं. 

क्यों लगा एयर डिफेंस सिस्टम

इस बार यहां पर करीब 12.5 लाख लोग हज का फर्ज अदा करने के लिए इकट्ठे हुए थे. ऐसे में जब सऊदी रक्षा मंत्रालय ने यह तस्वीर जारी की लोगों ने सवाल किया आखिर इसकी जरूरत क्यों पड़ी. कुछ लोगों में तो इस बात की भी बहस हो रही है कि क्या सऊदी अरब ने हज के मौके पर मक्का में यह एयर डिफेंस सिस्टम यमन के हूती लड़ाकों के संभावित हमले से बचने के लिए लगाया है. इससे निपटने के लिए जमीन से हवा में मार करने वाला अमेरिका का पैट्रीयट एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात किया है. दरअसल सऊदी में इस तरह की व्यवस्थाएं मैनेजमेंट, सिक्योरिटी और इमरजेंसी से निपटने के लिए की गई थीं. 

क्या हूतियों से है खतरा

हज यात्रियों की सुरक्षा के लिए सऊदी रक्षा मंत्रालय ने रेथियॉन MIM-104 पैट्रियट मिसाइल सिस्टम की भी तस्वीरें शेयर की थीं. पहले भी इसी सिस्टम का इस्तेमाल हूती विद्रोहियों की तरफ होने वाले मिसाइल हमलों को रोकने के लिए किया जा चुका है. दरअसल मिडिल ईस्ट में लगातार संघर्ष की स्थिति को देखते हुए तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को तैनात किया गया है. खासतौर से ऐसे वक्त में जब क्षेत्रीय तनाव और हवाई खतरों की आशंका बढ़ रही है. 

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