भारत का इतिहास कई बड़े साम्राज्यों का गवाह रहा है, जिनमें मुगल सल्तनत सबसे प्रभावशाली मानी जाती है. 16वीं से 18वीं शताब्दी तक मुगलों का शासन भारतीय उपमहाद्वीप में अपनी पकड़ बनाए रहा. अकबर, जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब जैसे शासकों ने इस सल्तनत को चरम तक पहुंचाया. अब सवाल उठता है कि अगर आज भी मुगलों का राज कायम होता, तो भारत का नक्शा कितना बड़ा होता और किन देशों तक इसकी सीमाएं फैल चुकी होतीं. चलिए जानें.
कहां तक फैला था मुगलों का साम्राज्य
बाबर ने 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी को हराकर मुगल साम्राज्य की नींव रखी थी. इसके बाद धीरे-धीरे सल्तनत का दायरा बढ़ता चला गया. अकबर के समय तक यह साम्राज्य भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे बड़े हिस्से तक फैल चुका था. अकबर ने अपनी नीतियों और सैन्य ताकत के दम पर गुजरात, बंगाल, कश्मीर, अफगानिस्तान के कुछ हिस्से और दक्कन के राज्यों तक अपना प्रभुत्व कायम किया.
तो पाकिस्तान, बांग्लादेश भी भारत में होता
18वीं शताब्दी में औरंगजेब के दौर में मुगल सल्तनत अपने चरम पर पहुंच गई थी. उस समय साम्राज्य की सीमाएं आज के भारत के अधिकांश हिस्सों के साथ-साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के बड़े भूभाग तक फैली हुई थीं. इतिहासकारों के अनुसार, अगर आज भी मुगलों का शासन कायम रहता तो भारत का नक्शा केवल मौजूदा सीमाओं तक सीमित नहीं होता, बल्कि इसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और म्यांमार के कुछ हिस्से भी शामिल होते.
विद्रोह की वजह से कमजोर हुई मुगल सल्तनत की जड़ें
मुगलों का प्रशासनिक ढांचा काफी मजबूत था. केंद्रीकृत शासन व्यवस्था, राजस्व वसूली की नई नीतियां और सेना की संगठनात्मक क्षमता ने उन्हें लंबे समय तक सशक्त बनाए रखा. हालांकि, समय के साथ अंदरूनी कलह, उत्तराधिकार के युद्ध और क्षेत्रीय शासकों के विद्रोह ने सल्तनत की पकड़ कमजोर कर दी. 18वीं शताब्दी के अंत तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने उनकी जगह ले ली और धीरे-धीरे पूरे उपमहाद्वीप पर नियंत्रण कर लिया.
कहां तक होती भारत की सीमाएं
कल्पना करें कि आज अगर मुगलों का राज कायम रहता, तो भारत की सीमाएं कहीं ज्यादा दूर तक फैली होतीं और इसका भू-राजनीतिक महत्व भी अलग स्तर पर होता. यह क्षेत्र न केवल संसाधनों से समृद्ध होता बल्कि व्यापार, संस्कृति और कूटनीति के लिहाज से भी दुनिया का सबसे बड़ा केंद्र बन सकता था. यानि अगर आज भी मुगलों का राज होता, तो भारत का नक्शा दक्षिण एशिया के कई देशों तक फैला होता और यह भूभाग दुनिया के सबसे बड़े साम्राज्यों में गिना जाता.
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