गोवा के रोमियो लेन स्थित चर्चित नाइटक्लब बर्च में 6 दिसंबर को लगी भीषण आग ने देश को हिला दिया था. इस हादसे में 25 लोगों की जान गई और इसके बाद क्लब के मालिकों और पार्टनरों पर पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई. इसी मामले में क्लब से जुड़े अजय गुप्ता को दिल्ली के एक अस्पताल से गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के दौरान उसने खुद को बेगुनाह बताते हुए कहा मैं तो लूथरा परिवार का सिर्फ स्लीपिंग पार्टनर हूं, इससे ज्यादा मेरा कोई रोल नहीं है. अब सवाल यह है कि आखिर स्लीपिंग पार्टनर होता कौन है? क्या स्लीपिंग पार्टनर होने से किसी व्यक्ति की जिम्मेदारी कम हो जाती है और क्या अजय गुप्ता का दावा सही माना जा सकता है? आखिर स्लीपिंग पार्टनर कैसे होते हैं, जिसका दावा करते हुए अजय गुप्ता खुद को बेगुनाह बता रहा है? 

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क्यों चर्चा में आया स्लीपिंग पार्टनर शब्द?

अजय गुप्ता दिल्ली का रहने वाला है, जो बर्च क्लब में बड़ा निवेशक माना जाता है. गोवा पुलिस उसकी भूमिका को लेकर कई सवाल पूछना चाहती है, क्योंकि जांच में यह सामने आया है कि वह और उसका भाई क्लब के मुख्य आरोपी सौरभ और गौरव लूथरा के बिजनेस पार्टनर हैं. अजय का दावा है कि वह सिर्फ निवेश करने वाला पार्टनर था, यानी स्लीपिंग पार्टनर है.

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क्या होता है स्लीपिंग पार्टनर?

स्लीपिंग पार्टनर को साइलेंट पार्टनर भी कहा जाता है. ऐसा शख्स किसी बिजनेस में पैसा तो लगाता है, लेकिन रोजमर्रा के कामों में हिस्सा नहीं लेता है. कहा जाता है कि स्लीपिंग पार्टनर यानी वह व्यक्ति पैसा तो देता है, लेकिन दुकान नहीं संभालता है. उसे बिजनेस के मैनेजमेंट, कर्मचारी, लाइसेंस, सुरक्षा, या संचालन से जुड़े फैसलों से दूर रखा जाता है. इसके बदले उसे क्लब या बिजनेस के मुनाफे का हिस्सा मिलता है. 

स्लीपिंग पार्टनर कैसे काम करता है?

स्लीपिंग पार्टनर की भूमिका आमतौर पर कुछ खास बातों पर आधारित होती है. जैसे वह बिजनेस शुरू करने या बढ़ाने के लिए पैसा अवेलेबल कराता है, ना मीटिंग में जाना, ना फैसले लेना, ना टीम संभालना इन कामों से वह दूर रहता है. साथ ही, उस हिसाब से मुनाफे में हिस्सा पाता है, जो समझौता पार्टनर्स के बीच होता है. उसके अनुसार उसे प्रॉफिट दिया जाता है. अगर बिजनेस लिमिटेड लायबिलिटी मॉडल में चलता है तो उसकी जिम्मेदारी सिर्फ उसके लगाए पैसे तक सीमित होती है. अगर बाकी पार्टनर चाहें तो वह सुझाव दे सकता है, लेकिन उसे निर्णय लेने का अधिकार नहीं होता है. 

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