भारत में जी-20 समिट का आयोजन हो चुका है और अब अगला नंबर ब्राजील का है. ब्राजील को जी-20 की प्रेजिडेंसी ट्रांसफर हो गई है, अब एक साल जी-20 की अध्यक्षता ब्राजील करेगा. इसके साथ ही अगले साल जी-20 का मेजबान भी ब्राजील होगा. आपने देखा कि पहले प्रेजिडेंसी इंडोनेशिया के पास थी और फिर ये प्रेजिडेंसी भारत के पास रही और अब ये ब्राजील के पास होगी. ऐसे में सवाल है कि आखिर जी-20 की प्रेजिडेंसी किस आधार पर ट्रांसफर होती है और ये कैसे तय होता है कि आखिर कौनसा देश इसकी मेजबानी करेगा या किसके पास अध्यक्षता रहेगी. तो जानते हैं प्रेजिडेंसी ट्रांसफर होने का प्रोसेस...


कैसे होती है प्रेजिडेंसी ट्रांसफर?


जी-20 की मेजबानी हर साल रोटेशन के आधार पर बदलती रहती है. हर साल अलग देश का नंबर होता है, ऐसे ही इस बार भारत का नंबर था. अगली बार ये नंबर ब्राजील का है. रोटेशन के हिसाब से 2024 समिट के लिए ब्राजील का नंबर है और उसके बाद साउथ अफ्रीका का नंबर आएगा. अल रोटेशन की बात करें तो ये हर देश के हिसाब से नहीं बल्कि हर ग्रुप के हिसाब से होता है. हर एक साल बाद दूसरे ग्रुप का नंबर होता है और उस ग्रुप के सदस्य देश को प्रेजिडेंसी ट्रांसफर होती है. 


बता दें कि कुल 20 देशों में पांच ग्रुप है और हर एक ग्रुप में चार-चार सदस्य हैं. अब हर ग्रुप का नंबर आता है और उस ग्रुप का एक सदस्य मेजबानी करता है. इन ग्रुप और ग्रुप देशों की जानकारी इस प्रकार है...
पहला ग्रुप- ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, सऊदी अरब और अमेरिका
दूसरा ग्रुप- भारत, रूस, दक्षिण अफ्रीका और टर्की
तीसरा ग्रुप- फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूनाइटेड किंगडम
चौथा ग्रुप- चीन, इंडोनेशिया, जापान और दक्षिण कोरिया
पांचवां ग्रुप- अर्जेंटीना, ब्राज़ील और मैक्सिको


क्या है ट्रांसफर की रस्म?


अध्यक्षता एक साल के लिए किसी दूसरे देश के पास चली जाएगी और इस अध्यक्षता को ट्रांसफर करने के लिए एक हथौड़े का इस्तेमाल किया जाता है. जब एक प्रधानमंत्री दूसरे देश के प्रधानमंत्री को हथौड़ा सौंप देता है तो इसका मतलब है कि अब अध्यक्षता का ट्रांसफर हो गया है. ऐसे में इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हथौड़ा ब्राजील के राष्ट्रपति लूला को सौंप दिया है, जिसका मतलब है कि प्रेजिडेंसी ट्रांसफर हो गई है.


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