Sleeping In Train: किसी भी देश में ट्रेन के सफर को आसान और सुविधाजनक माना जाता है. इसीलिए कई बार लोग ट्रेन में आराम से जाते हैं और सो भी जाते हैं. लेकिन दुनिया में एक देश ऐसा भी है, जो कि अपनी सटीकता, अनुशासन और सार्वजनिक परिवहन के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है.
यहां की ट्रेनें न केवल समय पर चलने के लिए मशहूर हैं, बल्कि यात्रियों के अनुशासन और नियम पालन के लिए भी जानी जाती हैं. लेकिन इस देश में व्यस्त ट्रेन में सीट पर सोना या जगह रोकना, कानूनी रूप से गंभीर माना जाता है और इसके लिए जुर्माना भी लगाया जा सकता है. चलिए जानें.
किस देश में है ऐसा नियम
इस देश का नाम जापान है और यहां की मेट्रो और शिंकानसेन (बुलेट ट्रेन) जैसी ट्रेनें हमेशा खासकर सुबह और शाम के पीक घंटों में व्यस्त रहती हैं. ऐसे समय में यात्रियों को अपनी सीट शेयर करनी पड़ती है. जापानी यात्री अक्सर अपनी जगह को खाली कर देते हैं और दूसरों को बैठने का मौका देते हैं. यदि कोई व्यक्ति सीट पर सो जाता है और दूसरों के लिए जगह रोकता है, तो यह सार्वजनिक अपराध माना जाता है. ट्रेन स्टेशन या ट्रेन प्रबंधन के नियमों के अनुसार, यह फाइन योग्य अपराध हो सकता है.
कितना है जुर्माना
कानूनी रूप से इसे सार्वजनिक सुविधा में बाधा डालना माना जाता है. हालांकि इस पर जुर्माने की राशि ट्रेन या स्टेशन के नियम और उल्लंघन की गंभीरता के आधार पर अलग-अलग होती है. आमतौर पर छोटे उल्लंघन पर चेतावनी दी जाती है, लेकिन लगातार या जानबूझकर सीट रोकना भारी जुर्माने या स्टेशन से बाहर करने का कारण बन सकता है.
क्यों लागू होता है यह
जापान में इस नियम का मकसद है यात्रियों के बीच सहयोग और सार्वजनिक संसाधनों का सम्मान बनाए रखना है. ट्रेनें इतनी व्यस्त रहती हैं कि अगर हर यात्री अपनी जगह को कब्जा करके सो जाए, तो अन्य लोगों को खड़ा रहना पड़ सकता है. यही वजह है कि जापानी यात्री पीक घंटों में भी अपने स्थान पर सही तरीके से बैठते और खड़े होते हैं. विदेशी यात्री अक्सर इस नियम को समझने में चूक कर बैठते हैं. जापान का यह नियम सिर्फ अनुशासन के लिए नहीं बल्कि सार्वजनिक शिष्टाचार और सभ्य व्यवहार बनाए रखने के लिए भी लागू है. नियम का पालन करना ट्रेन यात्रा को सुरक्षित, व्यवस्थित और सभी के लिए आरामदायक बनाता है.
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