दिवाली जैसे बड़े त्योहार से पहले जब लोग अपनी सेहत और सफाई का ज्यादा ध्यान रखने लगते हैं, उसी वक्त कुछ लोग इसका गलत फायदा उठाने लगते हैं. ऐसे ही एक ताजा मामला देश की राजधानी दिल्ली में सामने आया है, जहां पुलिस ने एक बड़े जालसाजी रैकेट का पर्दाफाश किया है. ये रैकेट नकली Closeup टूथपेस्ट और नकली ENO पाउडर बनाकर लोगों की जान के साथ खेल रहा था. छापेमारी में पुलिस ने भारी मात्रा में नकली प्रोडक्ट्स बरामद किए. जिसमें सैकड़ों की संख्या में नकली Closeup टूथपेस्ट की ट्यूब्स, डब्बों में भरा हुआ नकली Eno पाउडर, बड़े बोरे में कच्चा माल, बिना लेबल वाले केमिकल, पैकिंग मशीनें और अन्य नकली सामान तैयार करने वाली चीजें शामिल थीं.
इस फैक्ट्री में नकली माल इतनी चालाकी से तैयार किया जा रहा था कि पैकिंग बिल्कुल असली जैसी लगती थी. ये नकली प्रोडक्ट्स इतने असली दिखते थे कि आम आदमी के लिए पहचानना बेहद मुश्किल था. लेकिन इनका यूज आपकी सेहत को भारी नुकसान पहुंचा सकता है. खासकर दांतों, पेट और आंतों से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में चलिए आज जानते हैं कि नकली Closeup और नकली ENO की पहचान कैसे कर सकते हैं?
कैसे पहचानें असली और नकली Closeup या Eno?
1. पैकिंग पर ध्यान दें - असली प्रोडक्ट्स की पैकिंग साफ, चमकदार और ब्रांडिंग साफ होती है. वहीं नकली प्रोडक्ट में प्रिंट हल्का या धुंधला हो सकता है.
2. स्पेलिंग की जांच करें - नकली प्रोडक्ट्स में अक्सर ब्रांड नेम की स्पेलिंग गलत होती है. जैसे ENO की जगह EENO या CLUZUP.
3. MRP और मैन्युफैक्चरिंग डिटेल्स - असली प्रोडक्ट में निर्माता कंपनी का नाम, पता और बैच नंबर साफ-साफ लिखा होता है. लेकिन नकली प्रोडक्ट्स में ये जानकारी कम या गलत हो सकती है.
4. टेस्ट और स्मेल में फर्क - नकली टूथपेस्ट की स्मेल अजीब हो सकती है और नकली ENO पाउडर जल्दी से नहीं घुलेगा या टेस्ट अलग लगेगा.
5. प्राइज से पहचानें - अगर मार्केट में कोई प्रोडक्ट बहुत कम प्राइज में मिल रहा है, तो अलर्ट रहें और दूसरी जगह चेक करें. यह नकली हो सकता है.
सेहत के लिए क्यों है खतरनाक ये नकली सामान?
नकली टूथपेस्ट में यूज किए जा रहे केमिकल दांतों की सड़न, मसूड़ों की सूजन और मुंह के इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं. वहीं नकली ENO जैसे पाउडर में मौजूद खराब और हानिकारक पदार्थ पेट में जलन, एसिडिटी बढ़ना, यहां तक कि फूड पॉइजनिंग का खतरा पैदा कर सकते हैं. ये प्रोडक्ट्स बिना किसी क्वालिटी टेस्ट के बनाए जाते हैं और इनका कोई मेडिकल अप्रूवल नहीं होता है.