11 सितंबर 2001 का दिन पूरी दुनिया की तरह अमेरिका के लिए भी एक नॉर्मल दिन था, लेकिन कुछ ही मिनट में यह दिन दुनिया के सबसे डरावने आतंकी हमले में बदल गया था. न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर दो विमान से किए गए हमले ने न सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया को हिला दिया था. इस हमले में सिर्फ वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में ही करीब 2600 लोगों की मौत हो गई थी. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर किस विमान से हमला हुआ था और क्या आतंकी खुद जेट साथ लेकर आए थे.
कौन से विमान से हुआ था हमला?
अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला किसी साधारण जेट से नहीं बल्कि अमेरिकन एयरलाइंस और यूनाइटेड एयरलाइंस के दो बोइंग 767 विमानों से किया गया था. आतंकियों ने इन विमान को हाईजैक कर अपने कब्जे में ले लिया था. इसके बाद पहला विमान अमेरिकन एयरलाइन फ्लाइट 11, सुबह 8:40 बजे नॉर्थ टावर से टकराया था, जबकि दूसरा विमान यूनाइटेड एयरलाइन फ्लाइट 175 कुछ मिनट बाद 9:03 बजे साउथ टावर में जा घुसा. दोनों ही विमान में 20,000 गैलन से ज्यादा जेट फ्यूल था, जिससे आग लगते ही विस्फोट हुआ और पूरा इलाका धुएं से भर गया था .
किसने रची थी यह साजिश?
इस हमले की साजिश ओसामा बिन लादेन के आतंकी संगठन अलकायदा ने रची थी. इसमें कुल 19 आतंकवादी शामिल थे, जिनमें ज्यादातर सऊदी अरब से थे. कहा जाता है कि इन आतंकवादियों ने अमेरिका में रहकर फ्लाइट ट्रेंनिंग स्कूल से विमान उड़ाने की ट्रेनिंग ली थी. वहीं इन आतंकियों की योजना चार विमानों को हाईजैक कर अमेरिका की प्रमुख बिल्डिंगों पर हमला करना था. जिनमें वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, पेंटागन और व्हाइट हाउस शामिल थे.
टावर गिरने से भी मची थी तबाही
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर पहला हमला होते ही टावरों में आग लग गई जिसमें सबसे ऊपर की मंजिलों पर फंसे लोग मदद के लिए खिड़कियों तक पहुंच गए, लेकिन उस समय आग इतनी तेज थी कि कई लोगों ने जान बचाने के लिए छलांग लगा दी थी. वहीं इस हमले के करीब 102 मिनट बाद दोनों टावर पूरी तरह तबाह होकर गिर गए थे. वहीं 9/11 सिर्फ एक हमला नहीं माना जाता है, बल्कि दुनिया के इतिहास में इसे ऐसा दिन माना जाता है जिसे हर देश को सुरक्षा के मायने पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया. इस हमले में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, पेंटागन और चौथे विमान यूनाइटेड फ्लाइट 93 के क्रैश को मिलाकर कुल 2983 लोगों की जान गई थी, वहीं हजारों लोग घायल हुए थे.
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