Fake Encounter Cops Convicted: महाराष्ट्र के बदलापुर में यौन शोषण के आरोपी अक्षय शिंदे की पिछले साल 23 सितंबर को पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी. इसके बाद मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए थे. और अब इस केस में 20 जनवरी को मुंबई हाई कोर्ट की रिपोर्ट पेश की गई है. जिसमें से एनकाउंटर को फर्जी पाया गया है. कोर्ट ने पांच पुलिस वालों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है.
लेकिन यह पहला मामला नहीं है. जब देश में इस तरह का कोई फर्जी एनकाउंटर सामने आया है. देश में इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से कई फर्जी एनकाउंटर्स में पुलिस वालों को सजा तक सुनाई गई है. चलिए आपको बताते हैं. फर्जी एनकाउंटर में अब तक कितने पुलिस वालों को मिल चुकी है सजा.
यूपी इस मामले में सबसे आगे
साल 2023 में जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक यूपी पुलिस ने 6 सालों के भीतर 10,000 से ज्यादा एनकाउंटर किये. जिनमें से कई फर्जी एनकाउंटर थे. केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 से लेकर साल 2022 तक देश में कुल 655 फर्जी एनकाउंटर हुए. इनमें से 117 फर्जी एनकाउंटर उत्तर प्रदेश में हुए, हालांकि इनमें कितने पुलिस कर्मियों को सजा दी गई. अब तक इस बात के सटीक आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं.
इन पुलिसकर्मियों को हो चुकी है सजा
साल 2006 में एटा में हुए फर्जी एनकाउंटर मामले में गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने 9 पुलिस वालों को दोषी साबित किया था. जिसमें से पांच पुलिस वालों को उम्र कैद तो वहीं चार पुलिस वालों को 5-5 साल की सजा हुई थी. 1992 में पंजाब के तरनतारन में दो युवकों का अपहरण कर उनका फर्जी एनकाउंटर किया गया था. जिसमें अब सीबीआई की कोर्ट ने पंजाब पुलिस के पूर्व एसएचओ समेत 3 पुलिस कर्मियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है.
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साल 2009 में देहरादून में नौकरी के सिलसिले में आए एक युवक का फर्जी एनकाउंटर किया गया था. इस केस में 17 पुलिस वालों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी. साल 1998 में बिहार के पूर्णिया में फर्जी मुठभेड़ के आरोप में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने कई पुलिसकर्मियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी.
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सभी फर्जी एनकाउंटर में नहीं हो पाती सजा?
बहुत से ऐसे काउंटर फर्जी होते हैं. जिनमें पुलिस कर्मियों को सजा नहीं मिल पाती. दरअसल कोर्ट पूरे सबूतों के आधार पर ही इस तरह के केस में सजा सुनाती है. कई बार सबूत के अभाव में पुलिस कर्मियों को छोड़ दिया जाता है.
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