अफगानिस्तान में हालात बदलते हुए नजर आ रहे हैं. तालिबान के शासन वाले देश में भारत ने काबुल में अपना तकनीकी मिशन सालों पहले खोला था. अब इसे भारतीय दूतावास का दर्जा मिल गया है, जो व्यापारियों और आम नागरिकों के लिए कई नए अवसर और सुविधाएं लेकर आया है. इस बदलाव की घोषणा भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तालिबानी विदेश मंत्री के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक में की है.

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अफगानिस्तान में खुला भारतीय दूतावास 

साल 2021 में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद भारत ने काबुल में अपना दूतावास बंद कर दिया था. लेकिन 2022 में मानवीय और चिकित्सा सहायता, साथ ही व्यापारिक संबंध बनाए रखने के लिए एक छोटा तकनीकी मिशन खोला गया था. अब वही मिशन पूर्ण अधिकार वाला दूतावास बन चुका है. इसका मतलब है कि अब यह कार्यालय केवल प्रतिनिधित्व तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वीजा जारी करना, भारतीय नागरिकों को सहायता देना, और अफगान सरकार के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना इसकी जिम्मेदारी होगी.

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अफगानिस्तान में बिजनेस और वीजा फीस

काबुल में दूतावास खुलने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि भारतीय व्यवसायियों के लिए अफगानिस्तान में व्यापार करना आसान हो जाएगा. वीजा प्रक्रिया अब दूतावास के माध्यम से होगी, जिससे व्यापारिक वीजा के लिए लंबी प्रक्रियाओं और मध्यस्थों की जरूरत कम होगी. हालांकि वीजा फीस का निर्धारण अभी दूतावास और भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार होगा, लेकिन अनुमान लगाया जा सकता है कि व्यापार वीजा की फीस सामान्य वीजा फीस से थोड़ी अधिक हो सकती है.

कानूनी और प्रशासनिक सहायता मिलना आसान

इसके अलावा, दूतावास खुले होने से व्यवसायियों को कानूनी और प्रशासनिक सहायता मिलना आसान होगा. भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापार समझौतों को आगे बढ़ाने, निवेश अवसरों को पहचानने और सुरक्षा सुनिश्चित करने में यह नया दूतावास मददगार साबित होगा.

नागरिकों और व्यापारियों को मिलने वाले फायदे

अब काबुल में भारतीय दूतावास से वीजा सीधे प्राप्त किया जा सकेगा.

अफगानिस्तान में मौजूद भारतीय नागरिकों को आपातकालीन मदद और कानूनी सहायता उपलब्ध होगी.

भारतीय कंपनियों और व्यापारियों को स्थानीय नियम और निवेश के अवसरों की जानकारी सीधे मिल सकेगी.

दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और आर्थिक रिश्ते और मजबूत होंगे.

स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भारत की सहायता कार्यों का संचालन सुचारू रूप से होगा.

काबुल में भारतीय दूतावास का खुलना केवल कूटनीतिक उपलब्धि नहीं, बल्कि व्यापार और निवेश की संभावनाओं में भी बढ़ोतरी का संकेत है. इसके जरिए भारतीय नागरिक और व्यापारियों को अफगानिस्तान में सुरक्षित, संरक्षित और आसान माहौल में काम करने का अवसर मिल सकेगा.

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